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Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Palजीवन की आपाधापी और रिश्तों के मुरझाने के दौर में संवेदना के आकाश में विचरण कराने वाला काव्य-संग्रह है, श्री पुनीत शर्मा कृत 'काव्यांजलि' I इस कृति की रचनाओं को पढ़ते समय हम अपने समय और जीवन के बहुतेरे अनुभवों से रू-ब-रू होते हैं I आत्मीयता के खोने की चिंता हो, संवेदना का सोता सूखने का भय हो अथवा मोबाइल टी.वी. आदि सबके चलते वास्तविकता से दूर काल्पनिक सामाजिकता का मुखौटा ओढ़े जाने की पीड़ा हो, कहीं न कहीं ये सारी बातें कवि के संवेदित मन को उद्वेलित करती हैं I यह उद्वेलन शब्दों में अभिव्यक्ति पाता है और हम सब भी इन अहसासों को महसूस करने लगते हैंI कवि की कुछ कविताएँ , यथा रिश्ते, शायद तुम समझ सको, भूल गए, व्यथा आदि अपने मन और परिवेश के द्वंद को मुखर करती हैं I इनमें स्वयं को समझे जाने का विश्वास भी हैं, उपेक्षा की व्यथा भी हैं, स्वीकारे न जाने का दर्द भी हैं, लेकिन अंततः सहज स्वीकारोक्ति भी है I ये कविताएँ सिर्फ व्यक्तिक अनुभव नहीं हैं अपितु अपने व्यापक दायरे में सभी को समेट लेते है I कवि की कुछ कविताओं, जैसे- मुक्ति, आओ खुलकर विरोध करें, आकाश का मौसम, रात अगर लंबी है, ये वे हैं आदि में आस्था का दृढ़ स्वर सुनाई देता है I व्यवस्था से हताश होने की बजाय कर्म करना, समस्या का समाधान खोजना महत्वपूर्ण होता है और यही पहलू इन कविताओं में अनुभूति के साथ ओज भरता है I इस काव्य-कृति की एक और विशेषता है इसमें अभिव्यंजित छोटी कविताएँ I कम शब्दों में गहरे भावों को भरे ये कविताएँ हमें सोचने को विवश करती हैं I
कैलाशी पुनीत शर्मा
लेखक पेशे से एक अर्थशास्त्री और पर्यावरण प्रेमी हैं I लेखक प्रकृति के नियमो और पर्यावरण अर्थशास्त्र पर अपनी एक पुस्तक लिख रहे हैं I काव्यांजलि- जीवन एक मौन अभिव्यक्ति लेखक की जीवन के विभिन्न पहलुओ पर प्रकाश डालती पहली रचना है I जीवन के गूढ़ रहस्य को बहुत ही सरल स्वाभाविक काव्य शैली में प्रस्तुत करती हैं I arthasutrapunit@gmail.com
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