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keh du / कह दूं या रहने दूं

Author Name: "nishabd" Harshit Nailwal, रक्षिता सती | Format: Paperback | Genre : Poetry | Other Details

 इस काव्य संग्रह में जीवंत कविताएं हैं , आपके और मेरे जीवन से जुड़ी। इनमें अपनी माटी की महक है, कहीं गांव की समस्या, यौवन का प्यार है, उसकी याद है , देश प्रेम का अमरगीत है, सरकार पर कटाक्ष है, जीवन की सरलता है, मन की चंचलता है, दंगों की दस्तक है । इस संग्रह में शब्द मेरे है, मगर विचार, भाव और उनकी गहराइयों में आप सभी है। 

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" निशब्द" हर्षित नैलवाल, रक्षिता सती

सीखने की राह में, एक असफल  प्रयास 

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