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krishna manmohana / कृष्ण मनमोहना

Author Name: Gaurav Singh Adhikari | Format: Paperback | Genre : Poetry | Other Details

मोर मुकुट,श्याम वर्ण,कोमलांग,करधिन,पीताम्बर से 

तुम जब सुशोभित भी हो जाते हो 

तब हे नारायण तुम कृष्ण हो जाते हो 

कोख़ देवकी से तुम जन्मे 

प्रतिबंधों को तोड़ 

जब नंद बाबा के घर यशोदा लाल

कहलाते हो 

तब हे नारायण तुम कृष्ण हो जाते हो

तुम रास रचाईया, तुम माखनचोर, तुम छलिया

तुम अजन्में ,अमर ,पालक समस्त वसुधा के

प्रेम की नेह से तुम माँ के ओखल से बंध 

जब पुत्र का साधारण धर्म निभाते हो 

तब हे नारायण तुम कृष्ण हो जाते हो

यमुनातीर पर चढ़ कदंब पर बँसी बजाते 

राधा और गोपियन संग रास रचाते 

विष यमुना का हर के जब 

शीष शेष कालिया का चरणों से दबाते हो

तब हे नारायण तुम कृष्ण हो जाते हो

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गौरव सिंह अधिकारी

गौरव सिंह अधिकारी दिल्ली के निवासी है। लेखन के सहित यह नृत्य तथा वाचन कला में भी दिलचस्पी रखते है। यह अभी ११ कक्षा के छात्र है । गौरव, ईश्वर में अत्यधिक विश्वास करते है। भक्ति तथा मेहनत से वो ईश्वर का आशीर्वाद पाना चाहते है।

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