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Kuch Lafz Kuch Khyal / कुछ ल़फ़्ज़ कुछ ख़्याल

Author Name: Rekha | Format: Paperback | Genre : Poetry | Other Details

रूह की गहराइयों में दबी-छुपी ख़ूबसूरत बातों को अगर महसूस किया जाये। तब इन्हें काग़ज़ पर उतारने में ज़्यादा लफ़्ज़ों और अल्फ़ाज़ों की ज़रूरत नहीं होती।

छोटे और प्रभावशाली उद्धरण और कोट्स चंद पंक्तियों, कुछ दिलचस्प मनोवैज्ञानिक तथ्य वह जादू कर देते है, जो लम्बे लेख नहीं कर पाते। कुछ पंक्तियों में लिखीं दिल की बातें, दिल छू जातीं हैं। ऐसी कुछ हीं पंक्तियाँ ज़िंदगी की राहें और सोंच निख़ार देतीं हैं। कई बार कुछ ऐसे कोट्स जीवन के आदर्श-वाक्य बन जाते हैं। कोट्स के इस संकलन में ऐसे हीं रूहानी विचार, और ज़िंदगी की तरग़ीबी…. प्रेरक बातें है।

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रेखा

मैं मनोविज्ञान में पीएचडी, बच्चों की मनोवैज्ञानिक काउंसिलर और एक लेखिका हूँ। नन्हें बच्चों से ले कर स्नातकोत्तर तक के छात्रों को पढ़ाने के दौरान मैंनें बहुत कुछ पढ़ा और लिखा। पोस्ट ग्रेजुएट साइकोलॉजी के लिए स्टडी मॅटीरीयल, आध्यात्मिक और मनोवैज्ञानिक लेख लिखने के बाद मुझे एहसास हुआ कि मुझे लिखना बेहद पसंद है। मेरी यह पुस्तक लेखन के प्रति मेरे प्यार और लगाव का साकार रूप है।

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