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"It was a wonderful experience interacting with you and appreciate the way you have planned and executed the whole publication process within the agreed timelines.”
Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Palफूलचन्द एक कूड़ा उठाने वाला है जो घरों के आस-पास की साफ-सफाई भी करता है।
स्वभाव से बहुत ही विनम्र है और अपने काम में बहुत ही मेहनती। परन्तु अचानक एक दिन उसने काम पर आना बंद कर दिया। ऐसा क्या हुआ कि फूलचन्द काम पर नही गया ?
और जब फूलचन्द काम पर नहीं पहुँचा तो लोगों को किस तरह की परेशानी उठानी पड़ी।
कुडेवाला कहानी के माध्यम से आइए समझें फूलचन्द के मन की बात ।
रचना खट्टर
हम सब हर सुबह कूड़ेवाले का इंतजार करते हैं। साफ-सफाई हम सबको अच्छी लगती है।
परन्तु क्या हर इंसान कूड़ेवाले से सम्मान से बात करता है ? क्या हर इंसान उनको समय पर पैसे देता है। लेखिका और चित्रकार रचना खट्टर ने अपनी किताब कूड़ेवाला के माध्यम से यही बताने की कोशिश की है कि स्वच्छता केवल एक इंसान का काम नहीं है। स्वच्छता हम सब की जिम्मेवारी है।
लेखिका होने के साथ-साथ, रचना खट्टर एक अध्यापिका भी हैं। वह चाहती हैं कि बच्चे कम उम्र से ही सफाई का महत्व समझें और सफाई करने वालों को सम्मान देना सीखें। साथ ही वह चाहती हैं कि हम सब को आत्मनिर्भर होना चाहिए।
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