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"It was a wonderful experience interacting with you and appreciate the way you have planned and executed the whole publication process within the agreed timelines.”
Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Palजीवन में रोजमर्रा से जुड़ी घटनाएं कई बार लेखन के लिए प्रेरित करती है ऐसी ही घटनाओं या अनुभवों से विचारों की श्रंखला कलमबद्ध होकर कहानी की षक्ल में आईं तो लिखने का सिलसिला चल पड़ा और जब प्रकाषन का माध्यम मिल जाए तो लेखक को प्रोत्साहन मिल जाता है। प्रस्तुत किताब में विषयों को लघुकथा या कथा के रूप में पेष करने का प्रयास किया गया है। मानवीय संवेदनाओं से ओतप्रोत इन कहानियों को जब आप पढ़ेंगे तब इनके पात्र आपको अपने आसपास के ही होने का आभास देंगे। कुछ कहानियां कोरोना काल में लिखीं गई थीं। कहानियां पारिवारिक और सामाजिक मूल्यों से जुड़ी है जो भाईचारा, प्रेम, संयुक्त परिवार के महत्व को प्रतिपादित करती है तो कुरीतियों, अंधविष्वास से भी बाहर निकलने की प्रेरणा देगी।
चूंकि यह कहानी संग्रह मेरा पहला प्रयास है इसलिए किसी प्रकार की त्रुटि के लिए क्षमा प्रार्थी हॅंू। उम्मीद है आपको कहानियां अवष्य पसंद आएगी।
गोपाल कृष्ण वाणी
मैं, गोपाल कृष्ण वाणी जो कि पेशे से सरकारी स्कूल में अध्यापक के रूप में कार्यरत हूँ। पत्र पत्रिकाओं में अपनी रचनाओं को प्रकाशित करता आया हूँ। कहानी संग्रह का मेरा यह पहला प्रयास है। इस पुस्तक में प्रकाशित सभी कहानियां मेरी स्वरचनाएँ हैं। जिनमें विषयों को मैंने मानवीय संवेदनाओं के साथ पिरोया है। मेरी रचनाओं से किसी की भावनाओं को ठेस ना पहुंचे इसका पूरा ध्यान रखा गया है।
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