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LALITADITYA KI GATHA / ललितादित्य की गाथा

Author Name: Ayush Ranjan | Format: Paperback | Genre : Literature & Fiction | Other Details

7 वी शताब्दी
भारतवर्ष

सातवीं शताब्दी का कश्मीर सुखी और समृद्ध था। तीन पुत्रों, चंद्रपीडा, तारापीडा और ललितादित्य को उन्होंने
नालंदा विश्वविद्यालय भेजा। तीनों राजकुमार तेज दिमाग के थे और अपनी पढ़ाई में दक्ष थे।

एक दिन, महाराजा प्रतापादित्य की मृत्यु हो गई और उनका ज्येष्ठ पुत्र कश्मीर का राजा बन गया और जल्द ही,
तारापीडा ने साजिश रचनी शुरू कर दी। वह सफल हुआ किन्तु जल्द ही उसकी मृत्यु हो गई और ललितादित्य राज
सिंहासन पर बैठे।

राजा बनने के बाद, ललितादित्य के प्रशासन कौशल के कारण, कश्मीर में स्वर्ण युग आया।

ललितादित्य के प्रभावी उपाय के बारे में वास्तविक जीवन की घटनाओं पर आधारित हैं। अधिक जानकारी के
लिए पुस्तक को पढ़िए।

लेखक का परिचय

आयुष रंजन 2006 में जन्में भारतीय लेखक हैं। उन्हें भारतीय इतिहास और हिन्दू पौराणिक कथाओं से प्रेम है। वे पौराणिक कथाओं और इतिहास पर लिखते हैं क्योंकि वे चाहते हैं कि आने वाली पीढ़ी अपने पूर्वजों के बारे में जाने जिन्होंने हमारे लिए अपने प्राणों की आहुति दी थी और अपने संस्कृति को जाने। वह स्वामी विवेकानंद के बातों में दृढ़ विश्वास रखते है, ‘जो राष्ट्र अपनी संस्कृति और इतिहास को भूल जाता है, वह विश्व के मानचित्र से मिट जाता है।’ वह एक नवलेखक हैं जो हिंदी के साथ साथ अंग्रेजी में भी लिखते हैं।

https://linktr.ee/authorayush

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आयुष रंजन

आयुष रंजन 2006 में जन्में भारतीय लेखक हैं। उन्हें भारतीय इतिहास और हिन्दू पौराणिक कथाओं से प्रेम है। वे पौराणिक कथाओं और इतिहास पर लिखते हैं क्योंकि वे चाहते हैं कि आने वाली पीढ़ी अपने पूर्वजों के बारे में जाने जिन्होंने हमारे लिए अपने प्राणों की आहुति दी थी और अपने संस्कृति को जाने। वह स्वामी विवेकानंद के बातों में दृढ़ विश्वास रखते है, ‘जो राष्ट्र अपनी संस्कृति और इतिहास को भूल जाता है, वह विश्व के मानचित्र से मिट जाता है।’ वह एक नवलेखक हैं जो हिंदी के साथ साथ अंग्रेजी में भी लिखते हैं।

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