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Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Palकिसी भी भाषा में मुहावरे और कहावतें जान डाल देते हैं। भाषा को लिखित तथा मौखिक रूप से अधिक आकर्षक और समृद्ध बनाने के लिए उनका योगदान महत्वपूर्ण होता है। इसी लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए लेखक ने छात्रों को मुहावरों और कहावतों से रुचि पूर्वक परिचित कराने के लिए 'माँ सरस्वती ६०० मुहावरे और कहावतें' के प्रथम संस्करण की परिश्रमपूर्वक संरचना की है।
इस पुस्तक की भाषा प्रवाहपूर्ण तथा सहज रखी गई है। अर्थों एवं वाक्यों को खास स्पष्ट, कल्पनाशील एवं सरल भाषा में लिखा गया है। उन्हें उचित ढंग से स्मरण करने से छात्रों को परीक्षाओं में पूछे जाने वाले मुहावरों और कहावतों में पूर्ण अंक प्राप्त करने में मदद मिल सकती है।
लेखक ने इस पुस्तक को सरल और आदर्श रूप में तैयार करने का भरसक प्रयत्न किया है। विद्यार्थियों के अभ्यास को आसान बनाने में मददगार होगी तथा उनकी हिंदी के विकास में अधिकतम सहायता करेगी, यही लेखक महोदय की आशा है।
फिरोज़ मीनू टाटा
फिरोज़ टाटा मुंबई, भारत के एक पारसी पुजारी, रचनात्मक लेखक एवं कवि, धारणा रचयिता तथा राष्ट्रीय स्तर के साइकिल चालक हैं। उनके पास इतिहास में मास्टर्स डिग्री है और उन्हें हिंदी भाषा से गहरा लगाव है। स्कूल में अपने शुरुआती दिनों से ही उनमें लिखने के प्रति प्रेम था।
अब तक वे ५५ से अधिक स्कूल, कालेज और रचनाशील पुस्तकें लिख चुके हैं। उन्होंने अपनी कुल ७ निबंध तथा ३ उद्धरण पुस्तकों में १००० से भी अधिक निबंध और उद्धरण लिखे हैं। 'माँ सरस्वती ६०० मुहावरे और कहावतें' यह हिंदी में उनकी दूसरी प्रकाशित पुस्तक है।
लेखन में उनकी गंभीर रुचि होने के कारण, वे अपनी रूह को शांत करने के लिए अपने हृदय और दिमाग को कागज पर लिखना पसंद करते हैं। उनके लेखन को कई शिक्षाशास्त्रियों, पाठकों तथा प्रकाशकों ने सराहा हैं।
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