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Mai Viral Hoon / मैं विरल हूँ

Author Name: Abhishek Shrivastav "viral" | Format: Paperback | Genre : Poetry | Other Details

"मैं विरल हूँ " ये अभिषेक श्रीवास्तव 'विरल 
'  की पहली पुस्तक है जिसमें उनकी कविताएं ,गजल इत्यादि का संग्रह है । कॉलेज के दिनों में वो मेरे शिष्य के रूप में रहे और कॉलेज के दिनों में ही शायरियां , कविताएं कहने लगे । लोग अभिषेक को सुनना पसंद करते थे । उन दिनों भी वह अपनी रचना को लेकर युवाओं में काफी चर्चित रहते थे । सर्वश्रेष्ठ कवि डॉ कुमार विश्वास जी उनके प्रेरणास्रोत हैं उन्ही की  कविताएं सुनकर अभिषेक साहित्य में रुचि लेने लगे  और वहीं से शेरो शायरियां करने लगे बस्ती जनपद में लोग उनके अंदाज को देखकर उन्हें "बस्ती का कुमार विश्वास " कहने लगे । धीरे - धीरे तमाम मंचों पर अभिषेक विरल की कविताएं श्रोताओं को मंत्रमुग्ध करने लगी और बहुत ही कम समय में वो युवाओं के बीच लोकप्रिय हो गए । कई साहित्य के कार्यक्रमों में उन्हें बुलाया जाने लगा । मुझे अब भी याद है बस्ती महोत्सव का मंच था उस मंच पर जब संचालक ने अभिषेक का नाम लिया तो हजारों - हजार के जनसमूह में तालियों की आवाज गूंज उठी ,जिसने मंच पर उपस्थित बड़े कवियों को भी अभिषेक विरल की तरफ देखने पर विवश कर दिया । जब अभिषेक विरल ने अपनी रचनाएं सुनाई तो वहां उपस्थित जनसमूह और मंच पर उपस्थित कवियों ने उन्हें खूब सराहा ।  इसके बाद उन्हें डॉ कुमार विश्वास जी के साथ कपिलवस्तु महोत्सव में अपनी रचना सुनाने का अवसर मिला जहां उन्होंने डॉ कुमार विश्वास जी से खूब वाहवाही लूटी । 

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अभिषेक श्रीवास्तव "विरल"

नाम       :-  अभिषेक श्रीवास्तव विरल
कवि , गीतकार
संस्थापक - साहित्यिक अनुभूति
शिक्षा     :-  स्नातक , बी.एड
जन्म       :-  १३ जुलाई
अभिरुचि :-  अभिनय , काव्य लेखन 

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