Share this book with your friends

main akela Dana Manjhi / मैं अकेला ‘दाना माँझी’ The Lone Dana Manjhi

Author Name: Pushpey | Format: Paperback | Genre : Poetry | Other Details

कविता के भिन्न-भिन्न  मूड है..जिसमे व्यंग , राजनीती,आक्रोश,गांव की भावनाए प्रधान हैं। समय के शिक्षक ने फिर ग़ज़ल लिखने की गुस्ताखी करने की हिम्मत दी । पिता का अंत्यसंस्कार , कलयुग की रामायण,कुत्तों का जाम आदि व्यंग हैं  जो हमारी सामाजिक दशा को इंगित करने का प्रयास हैं । आओ बचपन जी कर देखे और यारों मेरा गांव  खो गया… समय की मार को दर्शाती हैं। एक बूंद आंसू आक्रोश और शक्ति समेटने जरिया है। घर तथा घर और मकान  खुद के रूह में झांकने की कोशिश है और मुठ्ठी भर धुप अपना आसमान ढूढ़ने की कोशिश हैं। साधारण आदमी की साधारण कलम से निकली सामान्य अनुभूतियों का संग्रह हैं।यह पुस्तक देश के सीमा  पर तैनात सिपाहों को समर्पित है, जो  बॉर्डर पर सिर कटाकर भी हमारी रक्षा करते हैं। इसी कड़ी में सिपाही का दर्द और सरबजीत की पीड़ा को इस किताब में शामिल किया गया है, जो आपके रूह को झकजोर देंगे। जब सीमा पर तैनात सिपाही मुलभुत सुविधाओं को तरसता है और कसाब जैसा आतंकवादी VIP सुविधाओं का इस्तेमाल कर पाता है। जब लोग जिन्दा आदमी की अहमियत नकारते है और मरने पर आंसू बहाते है संसाधन लुटाते है इस पर भी प्रहार है।किसी व्यक्ति,धर्म,संप्रदाय या विचारधारा का विरोध नहीं है, यह कविता संग्रह अपितु खुद के भीतर की विषमताओं से रूबरू होने का प्रयास है। भिन्न भिन्न अनुभूतियां ही किताब की आत्मा है।कविताए अलग अलग मूड से संलग्न हैं मगर दाना माँझी  की व्यथा, मृत पत्नी को मीलों कंधे पर ले जाना इस पुस्तक प्रकाशन की वजह हैं.. जो समाज में प्रतीत होती हुई असमानताएँ  तथा विरोधाभास पर आक्रमण हैं। यह एक यात्रा है कवितों की जो माँ से शुरू होकर पिता (एक उम्र तो लगती हैं ) पर रूकती हैं।

Read More...
Paperback
Paperback 230

Inclusive of all taxes

Delivery

Item is available at

Enter pincode for exact delivery dates

Also Available On

पुष्पेय

बचपन वैनगंगा नदी के आस पास गुजरा और पढ़ाई महाराष्ट्र में विदर्भ के विभिन्न स्थानों जैसे समर्थ विद्यालय लाखनी, जिला परिषद मोहाड़ी, जवाहर नवोदय विद्यालय साकोली और गढ़चिरोली,पोरवाल कॉलेज कामठी तथा M.Sc रसायन विभाग नागपुर विद्यापीठ में पूर्ण हुई । B. Ed की डिग्री बैरिस्टर वानखेड़े कॉलेज नागपुर से  उत्तीर्ण की  । कई कविताएँ और लेख विभिन्न पत्रिकाओं में प्रकाशित। लेखन 'पुष्पेय’ के नाम से करते हैं । कवि का एक लघु कथा संग्रह 'बचपन के रंग' प्रकाशित हो चूका है जिसे अमेज़न, गूगल बुक्स और फ्लिपकार्ट में पांच सितारा रेटिंग के साथ बिक रहा है ।

Read More...

Achievements

+1 more
View All