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Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Palइस संकलन में प्रस्तुत गीत-कविताएं श्रृंगार, प्रकृति, साहित्य, बाल, हास्य व्यंग्य, हिम नंदन व हाइकू आदि सात भागों के अंतर्गत कुल 51 काव्य लहरें हैं । अपनी इस काव्यकृति मैं हिमालय हूँ में काव्य की लगभग हर विधा का उपयोग करने का प्रयास किया है । प्रस्तुत पुस्तक में वर्णित गीत व कविताएं छांदिक, हाइकु व नव-कविता का प्रतिनिधित्व करती हुई विभिन्न रसों व अलंकारों से अलंकृत हैं । मुझे विश्वास है कि मेरी इस काव्यकृति को पाठकों द्वारा अवश्य सराहा जाएगा ।
डॉ. राजेश्वर उनियाल
डॉ. राजेश्वर उनियाल - भारत के माननीय राष्ट्रपति से साहित्य लेखन हेतु सम्मानित डॉ. राजेश्वर उनियाल का जन्म 26 अक्टूबर 1959 को श्रीनगर गढ़वाल (उत्तराखण्ड) में हुआ । आपने पत्रकारिता में स्नातकोत्तर तथा हिन्दी व अंग्रेजी में एम.ए. करने के साथ ही मुंबई विश्वविद्यालय से हिन्दी लोक-साहित्य (गढ़वाली व कुमाऊँनी के विशेष संदर्भ में) में पी-एच.डी.की उपाधि प्राप्त की है । आपकी अब तक शैल सागर, उत्तरांचल की कविताएं(सं), नेरु उत्तराखंड महान व Mount & Marine-काव्यकृतियां, पंदेरा व भाडे का रिक्शा-उपन्यास, उत्तरांचल की कहानियां(सं), डरना नहीं पर... कहानियाँ, वीरबाला तीलू रौतेली-नाटक एवं उत्तरांचली लोक-साहित्य व हिन्दी लोक-साहित्य का प्रबंधन आदि 12 साहित्यिक पुस्तकों के साथ ही कई वैज्ञानिक पुस्तकें भी प्रकाशित हो चुकी हैं तथा 2500 से अधिक कृतियों का लेखन, संपादन व संकलन का प्रकाशन कार्य सम्पन्न हुआ है । आप भारत के राष्ट्रपति से पुरस्कृत होने के साथ ही महाराष्ट्र राज्य हिन्दी साहित्य अकादमी का जैनेन्द्र कुमार अवार्ड व भारत सरकार का डा. राजेन्द्र प्रसाद पुरस्कार के साथ आपको अब तक 38 पुरस्कार प्राप्त हुए हैं । आप एक ओजस्वी वक्ता व कुशल मंच संचालक के साथ ही लोक-साहित्य व राजभाषा विषय के विशेषज्ञ के रूप में कई संस्थाओं आदि के अतिथि वक्ता भी हैं । आपके आकाशवाणी, दूरदर्शन एवं निजी चैनलों से कई गीत, कविताएं, वार्ताएं व कार्यक्रम प्रसारित होते रहते हैं । आपने हिन्दी एवं उत्तराखण्डी के कई एलबमों व फिल्मों के लिए गीत व कहानियॉ भी लिखी हैं । वर्तमान में आप मुंबई में भारत सरकार के अंतर्गत उप-निदेशक (राजभाषा) के पद पर कार्यरत हैं एवं इसी के साथ आप महाराष्ट्र राज्य हिन्दी साहित्य अकादमी के माननीय सदस्य भी हैं ।
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