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Man Ki Kalpana / मन की कल्पना

Author Name: Nikhil Umesh Jain, Ajay Kumar Dwivedi | Format: Paperback | Genre : Poetry | Other Details

मन की कल्पना

कहा जाता है, कि हमारा मन संसार में सबसे अधिक क्रियाशील है, मन की चंचलता किसी भी बंधन में बँधी नहीं है। लेखकों का सर्वोच्च गुण यही है, कि वे अपने मन की गातिशीलता को कल्पनाओं का प्रारूप देकर उसे शब्दों के मोतियों के रूप में पंक्तियों की लड़ियों का प्रारूप देकर, कविताओं का सृजन कर देते हैं। इस संकलन में भी लेखक, लेखिकाओं ने अपनी मन की कल्पनाओं को शब्दों में व्यक्त किया है। अपने दिल की बात को बयां करने का, दिमाग़ को जागृत करना, जो हम सोच रहे हैं, उन्हें शब्दों में अभिव्यक्त कर कागज पर पिरोने का एक छोटा सा प्रयास है हमारी "मन की कल्पना" आशा करते हैं, कि पढ़ने व सुनने वाले पाठकों के अंतर्मन की प्रसन्नता का निम्मित बनकर हमारे लेखकों द्वारा लिखी गयी कविताएँ उन्हें सजीवता का अनुभव करायेंगी।।  धन्यवाद 

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निखिल जैन, अजय कुमार द्विवेदी

निखिल जैन, एक लेखक हैं, जो की धुले, महाराष्ट्र से संबंध रखते है। इन्हे अपना ज्ञान दूसरो के साथ साझा करना, यात्रा करना, नई नई खोज करना और रचनात्मकता का बेहद शौक रखते है। इन्हें लिखना पसंद है, और इनका मानना है, कि लेखन से हम अपनी आंतरिक भावनाओं का भली भांति बखान कर सकते है। ये 30 से अधिक पुस्तकों के संकलनकर्ता रह चुके है और इनके स्वयं के दो  ऑनलाइन प्रकाशन "Unité Publication" और love.vibes143 भी है। इनसे जुड़ने के लिए आप संपर्क कर सकते हैं इंस्टाग्राम :  @love.vibes143, ईमेल -love.vibes143@outlook.com

अजय कुमार द्विवेदी, कानपुर से संबंध रखते हैं। ये मर्चेंट नेवी में कार्यरत रहे हैं, और वर्तमान में राजनीति में सक्रिय हैं, एवं अपने नये प्रोजेक्ट में कार्यरत हैं। ये अब तक अलग अलग कार्यक्रमों को आयोजित करवा चुके हैं, जिसमें कोरोना वॉरियर निशुल्क कविता प्रतियोगिता एवं भारतीय सैनिकों के अभिनंदन में निशुल्क कविता प्रतियोगिता मुख्य रही। इसके अलावा आर्ट में भी अभिरुचि रखने वाले अजय प्रदेश स्तरीय लेवल तक प्रतियोगिता में जा चुके हैं, एवं 12 से अधिक देशों एवं भारत ले के राज्यों में यात्रा कर चुके हैं। समाजसेवा को अपना कर्म मानते हुए हिंदी भाषा लेखन को जन जन तक पहुँचाने का कार्य कर रहे हैं।।

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