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"It was a wonderful experience interacting with you and appreciate the way you have planned and executed the whole publication process within the agreed timelines.”
Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Palमानवता का सफर समय-समय पर परीक्षणों का केंद्र रहा है, और मानव या दानव इसी पर एक गहरा संवेदनशील संदेश लेकर आया है। यह पुस्तक हमें मानवता के असली स्वरूप को समझने के लिए एक सोचने के लिए प्रेरित करती है। आज के कलयुग में, मानवता का चेहरा बदल रहा है। दानवी प्रवृत्ति धीरे-धीरे मानव के अंदर उभर रही है। लूट-पाट, चोरी-डकैती, बलात्कार, और हिंसा की घटनाएं रोजमर्रा की बात बन चुकी हैं।
इसके अलावा, मानव आजकल एक दूसरे को नीचा दिखाने में ही व्यस्त हैं। मानव या दानव हमें यह याद दिलाती है कि हमें अपनी असली मानवीयता को नष्ट नहीं होने देना चाहिए। हमें एक-दूसरे के प्रति समर्पित और सहानुभूति भाव बनाए रखना चाहिए। समृद्ध समाज का निर्माण उस दिन होगा जब हम अपने और अन्यों के दानवी गुणों का सामना करेंगे और उन्हें नियंत्रित करने के लिए सक्रिय रूप से काम करेंगे।
आओ, हम साथ मिलकर एक समृद्ध और सहानुभूति से भरा समाज बनाएं, जहां हर व्यक्ति का सम्मान होता है और सभी को समान अवसर मिलते हैं। यह हमारा सामाजिक दायित्व है और हमें इसे निभाना होगा।
सचिन चतुर्वेदी
भारत की अमूल्य धरोहर से जोड़ने की मजबूत कड़ी - अनुराग्यम् । कला, साहित्य, विज्ञान और संस्कृति की साझी धरोहर अनुराग्यम् ने जो कम समय में अपनी पहचान बनाई है, वास्तव में सराहनीय है और अनुराग्यम् निरंतर अपने उद्देश्यों के प्रति सदा ही आत्मीय भाव से समर्पित है l गागर में सागर कहावत अनुराग्यम् पर पूर्णतः सिद्ध होती है l अनुराग्यम् के अनूठे प्रयास सराहना से कहीं परे है l ज्ञान-विज्ञान, काव्य गोष्ठी, मुशायरा, सामाजिक सरोकार, कला, साहित्य, संस्कृति या शिक्षा विभाग से जुड़ी हर प्रकार की जानकारी और इससे भी कहीं अधिक ऐसी जानकारियां जो की जन मानस के लिए बहुत ही जरूरी बन गई है, अनुराग्यम् इन्हीं जानकारियों को ले कर आप सब के समक्ष उपस्थित है l विगत दिनों में इन गतिविधियों के साथ ही एक ऐसी अनोखी श्रृंखला का आरम्भ हुआ है, जिससे ज्ञानवर्धक बातों के साथ हम मिल पाएंगे देश की उन तमाम जानी मानी हस्तियों से जो ज्ञान का भंडार समेटे हुए हैं l अनुराग्यम् की मासिक पत्रिका 'कलायात्रा' जिसमें आपको भारतीय कला एवम् भारतीय संस्कृति जी झलक दिखेगी और दूसरी तरफ साक्षात्कार श्रृंखला जिसमे भारत के विद्वानों की जीवन शैली के बारे में जान सकते है साथ ही अनुराग्यम् हर सप्ताह लेखन एवं चित्रलेखन प्रतियोगिता समय समय पर कराता हुआ आया है ।
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