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ManChala / मनचला

Author Name: Sakar Mishra | Format: Paperback | Genre : Poetry | Other Details

ये क़िताब नही ये ख्वाब है
शायर का ख्वाब
तुम्हे भले ही बेकार लगे
मेरे लिए तो लाजवाब है
मेरी किसी मोहब्बत का
सोचा समझा जवाब है
तुम पढ़ो ना पढ़ो
तुम समझो ना समझो
इसका ना कोई हिसाब है
एक मनचले का ख्वाब है
ये मेरी पहली किताब है |

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सकर मिश्रा

मैं हूँ तुम हो हम सब हैं
हम भाग रहे
हम दौड़ रहे
अपनी किस्मत को
मरोड़ रहे
कहीं खींच रहे
कहीं तान रहे
कहीं हड्डियों को
हम तोड़ रहे
ना लाचार हैं
ना बेकार हैं
हम अपने सपनों का साकार हैं!

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