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Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Palयह मेरा प्रथम काव्य संग्रह है जिसमें मैंने विभिन्न विषयों पर अपने विचारों को कविताओं के रूप मे आपके समझ प्रस्तुत करने का प्रयास किया है। जैसा आप सभी ने सुना है "जहाँ ना पहुंचे रवि, वहाँ पहुंचे कवि" और यही एक कवि की सार्थकता है। इसी को चरितार्थ करते हुए मैंने अपनी कविताओं मे कुछ ऐसे विषयों को भी छूने का प्रयास किया है शायद हमसे अछूते रह जाते हैं।
मैं आशा ही नहीं करती वरन् पूर्ण विश्वास रखती हूं कि मेरा यह सामाजिक झलकियों का संग्रह आप सभी का ध्यान अपनी ओर आकृष्ट करेगा और आप तक मेरे विचारों को पहुंचाने में सफल रहेगा।
मंजुलता पांडेय
मेरा नाम मंजुलता पांडेय है। श्री रविशंकर गर्ग एवं श्रीमती ममता गर्ग जी के यहाँ प्रथम पुत्री रत्न के रूप में मेरा जन्म जबलपुर (म.प्र.) में हुआ। मेरे पिता ही मेरे गुरु भी हैं। मेरी माताजी जीवन की हर विषम परिस्थिति में ढाल बनकर खड़ी रहीं और उन्हीं के आशीर्वाद से आज मैं गणित शिक्षिका के रूप में बच्चों का मार्गदर्शन कर रही हूं।
मुझे बचपन से ही लेखन में रूचि रही है और कालेज के दिनों से ही मैंने अपने विचारों को शब्दों में पिरोना शुरू किया। मैंने अनेक विषयों पर कविताएं और कहानियां लिखी हैं। मेरी रचनाएँ अनेक पत्रिकाओं, समाचार पत्रों और किताबों में प्रकाशित हो चुकी हैं। मुझे अनेक मंचों से पुरस्कार और सम्मान भी प्राप्त हुआ है। आशा करती हूँ मेरे इस काव्य संग्रह को भी आप सभी का भरपूर स्नेह और आशीर्वाद प्राप्त होगा।
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