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MATRIBHUMI / मातृभूमि KAVYA APRAJITA

Author Name: Devendra Pratap Verma | Format: Paperback | Genre : Poetry | Other Details

भारत भूमि हमारी माँ है, हमारी मातृभूमि है,हमारी पहचान है। मातृभूमि के पवित्र आँचल की छांव में हम पले बढ़े और समृद्ध हुए। मातृभूमि के कारण हमारा ही अस्तित्व है। माँ समान मातृभूमि से हमें पेड़ पौधे,खेत,वन,पहाड़,नदियाँ,पशु पक्षी झरने आदि उपहार में मिले हैं। रहने के लिए उत्तम परिवेश और जीवन यापन के लिए आवश्यक संसाधन यह सब कुछ मातृभूमि से ही मिलता है।इसीलिए मातृभूमि को स्वर्ग से भी बढ़कर माना गया है। हमारा सौभाग्य कि भारतवर्ष की पावन धरा पर हमारा जन्म हुआ जहाँ असंख्य पुण्यात्माओं की शिक्षा,संस्कार, ज्ञान एवं सानिध्य में हम जीवन के उत्कर्ष की ओर अग्रसर हैं। जिस प्रकार मातृभूमि हमारा पालन-पोषण करती है उसी तरह हमें भी अपनी मातृभूमि के गौरव और सम्मान की रक्षा करनी चाहिए। यह प्रत्येक भारतवासी का कर्तव्य है। इतिहास साक्षी है तमाम प्राकृतिक आपदाओं और विदेशी आक्रमणों को झेलने के उपरांत भी मातृभूमि ने सभी विविधताओं को बिना किसी भेदभाव के संरक्षण प्रदान किया है। अतः हमें भी धर्म,संप्रदाय,पंथ,जाति और मज़हब से ऊपर उठकर  मातृभूमि के उत्थान हेतु स्वयं को समर्पित करना चाहिए।  

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देवेंद्र प्रताप वर्मा

कवि देवेंद्र प्रताप वर्मा का जन्म उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जनपद के पट्टी तहसील के रत्नागरपुर गाँव मे दिनांक 01/01/1987 को हुआ । पिता श्री राम करन वर्मा इलाहाबाद जनपद मे नौकरी करते है और शांति देवी माँ गृहणी है। कवि की प्रारम्भिक शिक्षा प्रतापगढ़ मे हुई । उसके उपरांत पिताजी सपरिवार इलाहाबाद आ बसे। जिसके कारण हाईस्कूल एवं इंटर की शिक्षा इलाहाबाद स्थित राजकीय इंटर कॉलेज से वर्ष 2003 मे सम्पन्न हुई। उत्तर प्रदेश प्राविधिक विश्वविद्यालय से कवि ने इलैक्ट्रिकल एवं एलेक्ट्रोनिक शाखा से इंजीन्यरिंग की पढ़ाई की एवं वर्ष 2010 मे बी०टेक० की डिग्री प्राप्त की। वर्तमान मे कवि उत्तर प्रदेश पावर कार्पोरेशन लिमिटेड मे अधिशासी अभियंता के पद पर जनपद आगरा के बाह खण्ड मे कार्यरत है।विद्यालय मे आयोजित होने वाली काव्य प्रतियोगिताओं से कवि ने अपने भीतर छुपी लेखन एवं काव्य रचना की प्रतिभा को जाना और जीवन के अनुभवों पर कविताओं की रचना की । कवि की कोई विशेष रचना शैली नहीं है । कवि ने अपने जीवन के अनुभवों को ही शब्दों मे स्थान दिया है। 

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