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Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Palमेरी आरज़ू १३ छोटी -छोटी कहानीओं का संग्रह है जो ज़िंदगी के भिन्न- भिन्न परिस्थितियों में इंसान के मनोदशा को दर्शाता है। कहानी का पात्र अपने ज़िंदगी के विभिन्न मुकाम पे किसी से प्यार करता है और समय के साथ अलग अलग परिस्थितियों में उलझ कर रह जाता है । कहानी का पात्र करना कुछ और चाहता है लेकिन समय उसे किसी और मुकाम पर पहुँचा देता है। इस कहानी में पात्र एक मध्यम वर्गीय परिवार से है । ज़िंदगी में कहीं उसे सफलता मिलती है तो कहीं असफलता। कहीं वो रिश्तों को पहचान नहीं पाता है तो, कहीं सब कुछ जान कर रिश्तों के बंधनों में फँस जाता है ,जहाँ उसे शतरंज के खेल की तरह इंसान की भावनाओं का इस्तेमाल करना पड़ता है और फिर वो खुद हीं अपने जाल में फँस जाता है। ज़िंदगी के इस खेल में किस तरह वो अपनी भावनाओं को संभाल कर हालातों से मुकाबला करता है इसी की कहानी है मेरी आरज़ू ।
राजीव कुमार
एक छोटे से गांव पीतम्बरपुर में लालटेन युग में पैदा हुआ प्रारंभिक पढ़ाई गांव के सरकारी स्कूल में पूरी करने के बाद बैंगलोर से मैनेजमेंट कि पढ़ाई पूरी की और अब १५ साल से मल्टीनेशनल कंपनी में काम कर रहा हूँ मैं कहानियाँ तब से लिख रहा हूँ जब मैं सातवीं क्लॉस में पढ़ता था शुरुआत में मैं अपनी कहानियाँ सब से छुप - छुप कर अपनी डायरी में लिखा करता था , मेरी आरज़ू की कुछ कहानियाँ मैंने उस वक़्त हीं लिखी है । मैं पिछले १५ वर्षों से इन्हें प्रकाशित करना चाहता था मगर ये हो ना सका। मेरी आरज़ू मेरी पहली रचना है मेरी दूसरी रचना तृष्णा है जिसे मैं अभी लिख रहा हूँ ।
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