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Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Palयह किताब मेरे पिता स्व. श्री रामहरी शिवहरे जी और सभी पिताओं को समर्पित है । इस किताब में 37 लेखकों ने अपनी अपनी बेहतरीन रचनाएं दी है जिनमें से कुछ शायरी , कुछ लघु कहानियां हैं संपादक और लेखिका सृष्टि शिवहरे जी ने भिन्न भिन्न प्रांतों से लेखकों को लाकर ये बेहतरीन सांझा संकलन बनाया है उम्मीद है आपको बेहद पसंद आयेगा ।।
सृष्टि शिवहरे
सृष्टि शिवहरे महत्वाकांक्षी लेखकों के लिए एक सच्ची प्रेरणा हैं। 20 से अधिक पुस्तकों में उनके व्यापक योगदान के साथ, जिनमें ग्यारह स्वयं द्वारा लिखित हैं, इन्होंने अपने लेखन कौशल और प्रतिभा को साबित किया है। इनकी शैक्षिक पृष्ठभूमि प्रभावशाली है, इन्होंने भारत के सर्वश्रेष्ठ संस्थान में अध्ययन किया है और बी.एस.सी और आई टी आई (इलेक्ट्रिकल) दोनों में प्रथम श्रेणी अर्जित की है। लेखन के लिए इनका जुनून बचपन में ही शुरू हो गया था जब इन्होंने शायरी लिखी थी जो इनके पिता को बहुत अच्छी लगी । जब वह छठी कक्षा में थीं तब उन्होंने कविताएँ लिखना शुरू किया था। इनको ये रुचि आपने पिता से मिली थी इनके पिता का सपना था की ये एक सफल लेखक बनें और ये अपने पिता को बहुत याद करती है क्योंकि वो अब इनके साथ नहीं है इस जहां को छोड़कर दूसरे जहां में चले गए हैं लेकिन जहां भी होंगे खुश हो रहे होंगे ये देखकर कि उनकी बेटी ने उनका सपना पूरा कर दिया जो इन्हें लेखक बनते देखने का था ।।
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