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Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Palइस पुस्तक में लेखिका ने अपने विचार व्यक्त किए हैं .जिसमें सबसे पहले उन्होंने स्पष्ट किया है कि भगवान सब के होते हैं. जो उनको जिस रूप में याद करता है. उसको उस रुप में दिखाई देते हैं. इसके बाद इन्होंने समाज में हो रहे बेटा बेटी में भेदभाव की और संकेत करते हुए स्पष्ट किया है कि ये गलत है. इन्होंने नफरत के परिणाम , हमारे राष्ट्रीय ध्वज के विषय में हमें कुछ जानकारी दी है. बलात्कार की नीच मानसिकता को बताते हुए इसे समाप्त करने की कोशिश करने का आव्हान किया है .भगवान राम के जीवन को बताते हुए हमें अच्छा काम करने और सच्चाई का साथ देने के लिए प्रेरित किया है. साईं बाबा के जीवन के बारे में बताते हुए भगवान पर विश्वास कायम रखने का संदेश दिया है. बेटी को बोझ समझने वालों की आंखें खोलने की कोशिश की है. आत्मविश्वास की शक्ति को दर्शाया है. बचपन की याद ताजा करते हुए गर्मी की छुट्टियों का आनंद देने की कोशिश की है .नारी को सशक्त बनने और अपने लिए आवाज उठाने के लिए समय आने पर दुर्गा के रूप बनने की और संकेत किया है. माता पिता के प्रति हमारा कर्तव्य , आजादी का वास्तविक अर्थ बताया है. शिक्षा के महत्व को बताते हुए हमारे देश की वीरता का बखान किया है .सत्य को बताने की कोशिश की है. ये बताते हुए कि कई बार बेटे भी पराये होते हैं. सच्ची मित्रता को दिखाते हुए राधाष्टमी की जानकारी दी है. माननीय श्री प्रधान मंत्री के जीवन को बताते हुए संकेत किया है कि अगर किसी काम को करने की कोशिश की जाए तो सफलता मिलेगी ये निश्चित है. यादों की कीमत बताते हुए आजादी के लिए कोशिश करने वाले प्रथम व्यक्ति गांधी जी के विषय में बताया है .खुद की पहचान बताते हुए देश की पीड़ा बताई है - देश की आवाज में.
संजना सोमानी
इस पुस्तक की लेखिका का नाम संजना सोमानी है ये राजस्थान से है और वर्तमान में कलकत्ता में निवास करती है इनकी माता जी का नाम रूक्मणी सोमानी है और इनके पिता जी का नाम मनोज कुमार जी सोमानी है ये 2 भाई 2 बहन है अपने भाई बहन में ये 3 नम्बर पर है इन्होंने अभी अपनी कालेज समाप्त की है इन्हें नए मित्र बनाना , लिखना , चित्रकारी करना पसंद हैं ये इनकी स्वयं की स्वयं के विचारों की पहली पुस्तक है वैसे इन्होंने कई पुस्तकों में लेखन कार्य किया है अपने लेखन के लिए कई पुरस्कार प्राप्त किए हैं
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