You cannot edit this Postr after publishing. Are you sure you want to Publish?
Experience reading like never before
Sign in to continue reading.
10 Years of Celebrating Indie Authors
"It was a wonderful experience interacting with you and appreciate the way you have planned and executed the whole publication process within the agreed timelines.”
Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Palकविता किसने बेहतर कही? और जिसने भी कुछ बेहतर कहा, क्या वह कविता नहीं हुई? बारिश की पहली बूंद, तपती गर्मी में पसीने का पहला कण, प्रेम का पहला क्षण या बच्चे की पहली किलकारी - सब कविताएं हैं। मगर भाव की इस उच्चता पर उसकी जटिलताओं में आप कितनी सरलता से जाते हैं, वह रचना का आधार बन जाती है। कोई भी रचनाकार अपनी सार्थकता इन्हीं रूपों में तलाशता है। उसकी अभिव्यक्ति के रूप निजी विलक्षणता से आकार लेते हैं। पूनम सूद की इन रचनाओं में भी एक कोमल किंतु कठोर वस्तु सत्य की झांई है। सिर्फ स्त्री, सिर्फ प्रेम, सिर्फ क्रोध या सिर्फ अंतर्विरोध की एकांगी अवधारणा से उठकर ये समग्रता में उनके अनुभवों का विस्तार करती हैं। कहीं एक चुभन है, कहीं संतोष और कहीं अदम्य जिजिविषा की फलश्रुति! व्यक्ति और समाज दोनों के संदर्भों से हिली-मिली ये रचनाएं जीवन की सहज कामना से भरपूर हैं।
- यशवंत व्यास
पूनम सूद
पूनम सूद का जन्म 16 मार्च 1965 को कानपुर, उत्तर प्रदेश में हुआ। उनकी माँ को पढ़ने का बहुत शौक था और पिता को किताबें खरीदने का... यह धीरे-धीरे पूनम के भीतर की संवेदनाओं को कागज़ पर उतारने को प्रेरित करता रहा। कॉन्वेन्ट स्कूल में पूनम की कहानी, कविता एवं निबंध अक्सर क्लास में पढ़े और सराहे जाते थे। पूनम को हिन्दी और अंग्रेजी दोनों साहित्य में रुची थी।
पूनम की पहली कविता अंगे्रजी के अख़बार ‘द पाइनियर’ में प्रकाशित हुई। उसके बाद हिंदी और अंग्रेजी के डेढ़ सौ से अधिक रचनायें प्रकाशित, प्रसारित, पुरस्कृत और सराही गईं।
आप ‘आरुषि’ और सामाजिक न्याय व निःषक्तजन कल्याण विभाग, मध्य प्रदेश द्वारा आयोजित राष्ट्रीय काव्य प्रतियोगिता ‘कविता बैसाखी’ 2018 की प्रथम पुरस्कार विजेता रही हैं।
आपने मराठी लेखक डा. भुवन महाजन की पुस्तक ‘मित्र जिवाचे’ का अंग्रेजी में अनुवाद ‘सोलमेट्स’ के नाम से किया है।
The items in your Cart will be deleted, click ok to proceed.