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Muktika / मुक्तिका

Author Name: Nikhil Jain, Ajay Kumar Dwivedi | Format: Paperback | Genre : Poetry | Other Details

मुक्तिका

भारतीय संस्कृति में नारी के सम्मान को सर्वाधिक महत्व दिया गया है। संस्कृत में एक श्लोक है - 'यस्य पूज्यंते नार्यस्तु तत्र रमन्ते देवता:। अर्थात् जहां नारी की पूजा होती है, वहां देवता निवास करते हैं।

अन्तरराष्ट्रीय महिला दिवस प्रत्येक वर्ष ८ मार्च को विश्व के विभिन्न क्षेत्रों में महिलाओं के प्रति सम्मान, प्रशंसा और प्रेम प्रकट करते हुए, महिलाओं के आर्थिक, राजनीतिक और सामाजिक उपलब्धियों एवं कठिनाइयों की सापेक्षता के उपलक्ष्य में उत्सव के तौर पर मनाया जाता है।

यूँ तो नारी का सम्मान हर पल महत्व रखता है किंतु इस इस नारी सम्मान में पुरुषों का सहभागिता निभाना ही इस दिवस को महत्वपूर्ण व खास बनाता है। महिलाओं के योगदान की वैसे तो हर दिन सराहना की जानी चाहिए लेकिन फिर भी उनके योगदान और सम्मान में एक खास दिन निर्धारित किया गया है।

मुक्तिका सम्मान करती है समस्त नारीत्व का, नारी बिना ये संसार अधूरा, शून्य व नीरस है, हम धन्य है जिन्हें एक पुस्तक के जरिये नारी सम्मान करने का अवसर प्राप्त हुआ। भविष्य में भी इसी प्रकार इस कड़ी को आगे बढ़ाते हुए हम नारीवाद का महत्व रखते हुए यथार्थ प्रयास करते रहेंगें।

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निखिल जैन, अजय कुमार द्विवेदी

निखिल जैन, एक लेखक हैं, जो की धुले, महाराष्ट्र से संबंध रखते है। इन्हे अपना ज्ञान दूसरो के साथ साझा करना, यात्रा करना, नई नई खोज करना और रचनात्मकता का बेहद शौक रखते है। इन्हें लिखना पसंद है, और इनका मानना है, कि लेखन से हम अपनी आंतरिक भावनाओं का भली भांति बखान कर सकते है। ये 30 से अधिक पुस्तकों के संकलनकर्ता रह चुके है और इनके स्वयं के दो  ऑनलाइन प्रकाशन "Unité Publication" और love.vibes143 भी है। इनसे जुड़ने के लिए आप संपर्क कर सकते हैं इंस्टाग्राम :  @love.vibes143, ईमेल -love.vibes143@outlook.com

अजय कुमार द्विवेदी, कानपुर से संबंध रखते हैं। ये मर्चेंट नेवी में कार्यरत रहे हैं, और वर्तमान में राजनीति में सक्रिय हैं, एवं अपने नये प्रोजेक्ट में कार्यरत हैं। ये अब तक अलग अलग कार्यक्रमों को आयोजित करवा चुके हैं, जिसमें कोरोना वॉरियर निशुल्क कविता प्रतियोगिता एवं भारतीय सैनिकों के अभिनंदन में निशुल्क कविता प्रतियोगिता मुख्य रही। इसके अलावा आर्ट में भी अभिरुचि रखने वाले अजय प्रदेश स्तरीय लेवल तक प्रतियोगिता में जा चुके हैं, एवं 12 से अधिक देशों एवं भारत ले के राज्यों में यात्रा कर चुके हैं। समाजसेवा को अपना कर्म मानते हुए हिंदी भाषा लेखन को जन जन तक पहुँचाने का कार्य कर रहे हैं।।

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