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Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Palएक तरफा मोहब्बत, जिसमें इजहार का इंतज़ार हो, जिसमें बेइम्तिहा प्यार हो । उसी प्रेम की महक पूरे वातावरण को गुलज़ार बना देती हैँ ।
वो मोहब्बत जिसका जिक्र बस खुद से होता है, वो चाहे एक नजर देखे या ना देखे, बड़ी सुहानी लगती है ।
और जब ये पहली मोहब्बत होती है तो उसका एक पल भी हमसे नज़रे मिला लेना बेहद सुकून भरा लगता है, एक हया सी दिल मे आती है, जब वो पलकें झुकाती है , एक तरफा ही सही मगर वो मोहब्बत पाकीजा इश्क कहलाती है ।
कभी कभी जब उसको कोई और देख ले तो कुंठा सी होने लगती है दिल में । मगर उस एक तरफा मोहब्बत मे हमें कुंठा नहीं होनी चाहिए । हो सकता है जिसे हम जैसा चाहते हैं वो भी ऐसे ही किसी और को चाहते हो ।खूबसूरत ख्वाब पलकों मे सजाकर बौखला जाना मोहब्बत नहीं होती ।
मोहब्बत वो होती जिसका इंतज़ार भी किया जाये और सच्ची मोहब्बत वही है जिसमें त्याग और समर्पण हो, जिसमें कुंठा ना होकर उसकी खुशी मे खुशी मिले ।
ललित मेघवाल
ललित मेघवाल 18 साल के किशोर है ,जो डोरिया चित्तौड़गढ़
राजस्थान में रहते है और 6 -12वी तक की पढाई जवाहर नवोदय विद्यालय से की है नवोदय में पढ़ने के दौरान ही इनको माइग्रेशन सिस्टम के तहत कर्नाटक के बेल्लारी जिले मे पढने का अवसर मिला। जिसके कारण ये किसी भी वातावरण में अपने आपको बहुत जल्दी ढाल लेते है इनको भारतीय संस्कृति से प्रेम है और मुख्यत: ललित श्रृंगार रस लिखते है लिखने की प्रेरणा 11वी क्लास में पढ़ते हुए उदयपुर नवोदय के शिक्षकों से मिली । लेखन में रुचि है और ये जानते है कि हम कलम के जरिये अपनी भावनाओं को कोरे कागज पर अलंकृत कर सकते है । लेखन जिंदगी के हर पहलू को आनंदमय बना सकता है ये लेखक के साथ साथ पढ़ाई भी कर रहे है । और समाज सेवा हेतु प्रशासनिक सेवा में जाना चाहते है जिसके लिए प्रयासरत है लगभग 42 पुस्तको मे सहलेखक के तौर पर अपनी रचना दे चुके है और इनके द्वारा संकलित पुस्तक “जज्बात ए दिल” ,अकेली माँ ,YAIF प्रकाशित हो चुकी
है,इंद्रधनुष (प्रेम के सात रंग) संकलन के बाद अपनी कलम को इन्होने इंद्रधनुष का नाम दे दिया है। ये हर प्रकार की शायरी और कविता लिखने के लिए उत्साहित रहते है 11वी क्लास मे लिखना शुरू किया और कई प्रतियोगिता में विजेता भी रहे है आप इनकी लेखनी इंस्टाग्राम पर भी पढ़ सकते है
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