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Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Palनल दमयंती विप्रलम्भ श्रृंगार गर्भित करुण रस प्रधान कृति है।
नल दमयंती चरित्र महाकाव्य महाभारत कालीन परिस्थितियों, मान्यताओं में गुम्फित परंतु वर्तमान सामाजिक कुरीतियों को परिलक्षित करता हुआ लगता है। ऐसा प्रतीत होता है की कवि प्रत्यक्ष रूप से तब और अब उपस्थित रहा हो। छन्द एवं अलंकारों का चयन भाव विभोर कर देता है। उपमानों का मूर्त विधान काव्य को जीवन्तता प्रदाऩ करता है। काव्य करुण रस प्रधान होते हुए भी वीर रस, शान्त रस, वात्सल्य रस, अदभुत रस से सराबोर है।
सच्चिदानंद शास्त्री
हिमाचल प्रदेश शिक्षा विभाग में 30 वर्षों की सेवा के पश्चात सेवा निवृत्त हो साहित्यिक, सामाजिक एवं धार्मिक गतिविधियों में संलग्न श्री सचिदानंद जी शास्त्री का जन्म 9 अप्रैल 1923 को तत्कालीन उत्त्तर प्रदेश वर्तमान उत्तराखंड में कौशलपुर ग्राम में हुआ था। म्रत्यु पूर्व तक लगातार कुछ न कुछ प्रेरणादायी साहित्य का सृजन शास्त्री जी की लेखनी से होता ही रहा।
एक पुस्तक सद्चिद सुधा हिमाचल कला-संस्कृति और भाषा अकादमी के सहयोग से वर्ष 1987 में प्रकाशित हुई।
इसके अतिरिक्त जैसे कालिदास कृत मेघदूत का पहाड़ी भाषा मे भावानुवाद, गीत कुसुम, ऋतु गीत षट ऋतु वर्णन, शून्य भवन गीत आदिऔर भी पांडुलिपियां उपलब्ध हैं।
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