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Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Pal“नज़ाकत लब्ज़ों की” एक साहित्यक पुस्तक है। जिसे पढ़कर आप लोग स्वयं को इससे जुड़ा हुआ पाएँगे और साथ ही इसका आनंद भी उठाएंगे। इस पुस्तक में लोगों की ज़िन्दगी से जुड़े हुए और कुछ हक़ीक़ी सवाल जवाब है। जिन्हें शब्दों का रूप देकर व्यक्त किया गया है। ज़िन्दगी बड़ी अहम होती है इसलिए इसको जितना जीना है खुशी से जियों। क्योंकि पता नही वक़्त कब बदल जाये। इसलिए हमेशा ऐसा जियो जिससे किसी को दुख ना पहुँचे। “नज़ाकत लब्ज़ों की” बहुत अच्छी पुस्तक है। इस पुस्तक में लेखिका ने अपनी प्रतिभा का जादू दिखाया है, जिसे पढ़कर आप सभी लोग अपने को इनसे अलग नहीं कर पाएँगे। आशा है कि आप सभी लोग इस पुस्तक को पढ़कर विशेष आनंदनुभूति का अनुभव करेंगे, आपके बहुमूल्य प्रतिक्रिया की आशा में ।
सुचिता
'नमस्कार'
पाठकों आपका स्वागत है। मैं अपना परिचय देते हुए आपके सामने चन्द अल्फ़ाज़ों को दिल से पेश करना चाहूँगी । मैं सुचिता, बेंगलूरू से हूँ। बचपन से ही लिखने की उम्मीद दिल में जाग उठी थी और कॉपी के सबसे पहले पृष्ठ पर अपने एहसासों को शब्दों की स्याही में पिरोंकर लिख लेती थी। वक़्त के साथ बड़ी होती गई और ये लिखने पढ़ने के सिलसिलों का सफ़र चलते रहा । "नज़ाकत लब्ज़ों की" ये मेरी पहली किताब है। उम्मीद करती हूं मेरी इस किताब को आप सभी का भरपूर प्यार मिलेगा।
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