Share this book with your friends

NAZARIYA / नज़रिया

Author Name: Bhagwati Prasad Pant | Format: Paperback | Genre : Poetry | Other Details

नज़र का नज़रिया तय करता है कि हम क्या हासिल करते हैं। यह किताब स्वरचित परिकल्पनाओं को हिन्दी कविताओं के माध्यम से ठोस रूप देने का प्रयास है।

खण्ड १ प्रेम और विरह को समर्पित है। प्यार,मोहब्बत, विरह,मिलन दुनिया में सबसे ज्यादा पढ़ा-लिखा जाने वाला लेकिन संवेदनशील विषय है। इसमें रचनात्मकता के साथ भावों को नए तरीके से पेश करने की चुनौती है।खण्ड २ में समाज,सरकार,इंसानों,व्यवस्था पर कुछ हल्के,कुछ भारी व्यंग है। निराशा के पलों में कुछ प्रेरणा भरी कविताएँ संजोने का प्रयत्न है।खण्ड ३ उन छोटी-मोटी वस्तुओं और जीवों को समर्पित है जो हमारे आसपास ही हैं पर जिन्हें हम आम जीवन में कम ही महत्व देते हैं ।

जहाँ प्लूटो,ब्लैक होल प्रेम को ब्रह्मांड तक ले जाता है वहीं चींटी का चाँटा, गीदड़ से दंगल,आँखों में थोड़ा उजाला भर लो,गुमशुदगी का इश्तिहार प्रेरणा दिलवाता है।सरकारी रजिस्टर, लूट के टेंडर,सड़क के बीच गढ्ढा जैसी कुछ कविताएँ सरकारी सिस्टम पर व्यंग हैं। चूइंग गम, उड़ता पौलीथीन, हिडन फोल्डर,जूँ तू कहाँ गई ,डायनोसोर आने वाले हैं,आफिस का प्रिंटर कुछ एसे विषय हैं जो विचारों को नए आयाम देते हैं ।

Read More...
Paperback
Paperback 150

Inclusive of all taxes

Delivery

Item is available at

Enter pincode for exact delivery dates

Also Available On

भगवती प्रसाद पंत

भगवती प्रसाद पंत  पेशे से बैंकिग और आईटी से जुड़े हुए हैं।गैर पेशे से साहित्य में रूचि रखने वाले हैं। वर्तमान में नोएडा में अपनी पत्नी और दो बच्चों के साथ निवास करते हैं। नजरिया पुस्तक इनकी हिन्दी में प्रकाशित पहली पुस्तक है जिसमें समकालीन विषयों पर लिखी गई पचास छोटी  स्वरचित कविताएँ हैं।यह सारी किताब मोबाइल पर लिखी गई हैं।

Read More...

Achievements

+3 more
View All