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Pain & Dream / दर्द और ख्वाब

Author Name: Murli Manohar Srivastava | Format: Paperback | Genre : Poetry | Other Details

उम्मीद 

रोज इस उम्मीद के साथ उठता हूँ,

आज दुनियां बदल जाएगी।

रोज दुनियां बदल जाती है,

उम्मीद नहीं।

हौसला 

मुश्किलें 

कभी खत्म नहीं होंगी,

हौसला है ,

तो मुश्किलों से 

दोस्ती कर लो।

------------------------

हर दर्द की एक उम्र होती है,

और कोई जरूरी नहीं कि,

किसी दर्द की उम्र,

उस आदमीं की उम्र के ,

बराबर या छोटी हो ,

और जब ,

किसी दर्द की उम्र ,

आदमीं की उम्र से ,

बडी होती है ,

तो  उसे ,  पुनर्जन्म लेना पडता है,

उस बचे हुये दर्द की उम्र को , जीने के लिये,

वह पैदा ही दर्द में होता है,

और पूरी उम्र उसे ढ़ोता रहता  है,

खत्म होंने के इन्तजार में,

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मुरली मनोहर श्रीवास्तव

नाम: मुरली मनोहर श्रीवास्तव

पिता का नाम: श्री विजय कुमार श्रीवास्तव ( लब्धप्रतिष्ठ साहित्यकार इलाहाबाद)

जन्मस्थान: इलाहाबाद

अध्ययन : बी.ई. मैकेनिकल इंजीनियरिंग (जामिया मिलिया इस्लामिया नई दिल्ली से)

प्रकाशन : नवभारत टाइम्स, दैनिक जागरण, हिंदुस्तान दैनिक, अमर उजाला, राष्ट्रीय सहारा, नई

दुनिया, मेरे सहेली, जागरण सखी सहित विभिन्न दैनिक व पत्रिका में एक हज़ार से अधिक रचनाएँ

प्रकाशित तथा निरंतर प्रकाशन जारी है।

अभी तक लिखी कहानियाँ मेरी सहेली, जागरण सखी व दैनिक जागरण जैसी पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हुई हैं।

व्यंग्य लेखक के रूप में विशिष्ट पहचान हिन्दी की सभी प्रमुख पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित। अमर उजाला व राष्ट्रीय सहारा

में नियमित कॉलम।

वर्तमान में एन टी पी सी मेजा में उप महाप्रबंधक के पद पर कार्यरत 


 

पुस्तकें : 

पुस्तकें :1. सत्य जीतता है (हिन्दी अकादमी दिल्ली से प्रकाशित),
2. सम्भावना (साहित्य वीथी दिल्ली से प्रकाशित, वर्ष -2017 फ़्लिप कार्ट व अमेज़न दोनों पर उपलब्ध)
3. Posibility ( English translation of Sambhavana By Deepak Danish )on kindle
4 . गुरु गूगल दोऊ खड़े pustakbazaar.com द्वारा प्रकाशित
5 . क्षमा करना पार्वती pustakbazaar.com द्वारा प्रकाशित
6 . ख्वाबों की जिंदगी और 63 कविता
7. वह मैं हूँ

8.घोडा ब्रांड क्रिकेटर मेरे 71 व्यंग्य 

9. दर्द और ख्वाब  

10. दर्द के इम्यूनिटी बूस्टर्स

11. उस दिन समझो जीत गए तुम 

संप्रति : हर समय कुछ करते रहने की इच्छा का बने रहना व पाठकों द्वारा प्रदान किए जाने वाला स्नेह ही मेरे लिखने का आधार है ।

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