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Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Palसन 2020 की शुरुआत एक ऐसी आपदा सेहुई
जिसका अनुिान ककसी को ना था ! कोरोना िहािारी
के कदि भारत देश की ओर बढ़ चुके थेऔर बचाव
के मलए सरकार को भारत बंद का एलान करना पड़ा,
िो िहािारी के संदभभिेएक सटीक ननर्भय था, एक
तरफ कुछ लोग अपनेपररवार के साथ घर रह कर
अच्छा सिय व्यतीत कर थेऔर दसू री तरफ प्रवासी
ििदरू भुखिरी व बेरोिगारी िैसी सिस्याओ से
ददन प्रनतददन लड़ रहेथेऔर येिज़बूरी ही उन्हें
आखखर पलायन तक लेंगई ! भारत बंद के दौरान हुए
इस पलायन िेना िानेककतनेििदरू पैदल ही
सड़को पर ननकल पड़ेथे, येपुस्तक भी एक ऐसे
ििदरू के सफ़र की गाथा हैजिसनेउम्िीद की नोक
पर कदि रख अपनेरास्तेबनाए!
इस किताब के िाध्यि सेिैंनेकोमशश की हैउस
सफ़र के हर एक पल को आपके साथ िोड़नेकी, ये
कहानी पढ़तेवक़्त आप भी एक सफ़र तय करेंगेऔर
िहसूस कर पाएँगेउस हर एक कदि को िो इन
ििदरूों द्वारा मलए गए !
अंजलि शर्मा
बचपन मे हिंदी किताबों मे लिखी लेखक और कवियों की जीवनी देख कर अक्सर मैं कहा करती थी की एक दिन मेेरी भी जीवनी लिखी जाएगी और आज मुझे ये मौका मिला की मैं इस किताब के माध्यम से आपको अपने बारे मे कुछ बता सकूँ, मैं पेशे से नर्स हूँ और अपनी नर्सिंग की शिक्षा के दौरान हूँ मैंने लिखना शुरू किया था, लेकिन ये कभी नहीं सोचा था की वो दो चार शब्दों से जुड़े वाक्य और कविता मुझे इतनी आगे लें आयेंगे ! जब आप इस किताब को पढ़ेंगे तो शायद आपको लगे की मैं विचारों मे डूबी एक शांत और संवेदनशील लेखक हूँ लेकिन असल ज़िन्दगी मैं ऐसा नहीं है मैं बहुत चंचल और हसमुख हूँ! यह मेरी पहली किताब हैं अपने भाव को प्रकट करने के लिए मैंने सरल हिंदी का प्रयोग किया है ताकि हर व्यक्ति इस किताब को आसानी से पड़ सके ! आशा करती हूँ की आपको ये किताब पसंद आएंगी !
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