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prakati prayam / प्रकृति प्रेम

Author Name: Nitesh Kumar Sinwal | Format: Paperback | Genre : Poetry | Other Details

यह पुस्तक मानवीय संवेदना व प्रकृति से जुड़ी चीजों के बारे में है । जब इंसान किसी को देखता है तो उसके मन में जो विचार होते हैं उन्हीं सभी विचारों को पंक्ति बद्ध कर एक पुस्तक में बांधने का प्रयास किया गया है। यदि इंसान अपनी भावनाओं को समझता चला जाए तो वह मानवता को समझ सकता है , इस पुस्तक के विचार आप की मानवीयता को भी जागृत करेंगे । बचपन से हम नई नई चीजों को देखते हैं उन्हें समझते है और सीखने का प्रयास करते हैं और जो नए नए भाव हमारे मन में होते हैं वह धीरे-धीरे खत्म होते चले जाते हैं उन्हीं यादों को बरकरार रखने के लिए यह पुस्तक लिखी गई । अपनी पुरानी यादों को पढ़ते हुए आप अपनी यादों को एक बार फिर से ताजा कर सकते हैं अपने अतीत कि ओर एक बार फिर से देख सकते हैं ।

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नितेश कुमार सिंवाल

नितेश कुमार सिंवाल लेखक और कवि हैं। उनका जन्म राजस्थान की एक छोटी तहसील रतनगढ़ के पाबूसर गाँव में हुआ था। उन्होंने दसवीं तक की पढ़ाई अपने गाँव में की, अब वे रघुनाथ स्कूल, रतनगढ़ में विज्ञान संकाय कक्षा 12th में पढ़ रहे हैं। यह उनकी पहली पुस्तक है, वे प्रकृति से बहुत प्यार करते हैं, इसलिए उन्होंने यह पुस्तक लिखी है। वे अपने सपनों को एक नई उड़ान देना चाहते है, उन्हे पंजाबी गाने बहुत पसंद हैं, वे लेखक और कवि के साथ-साथ पंजाबी गायक भी बनना चाहते है। वे मध्यम वर्गीय परिवार से है। इन्हें नई नई भाषाएं सीखने का शौक है  वे ग्रामीण परिवेश में रहकर खुद को विकसित करना पसंद करते हैं। वे खुद को अधिक अच्छी तरह से व्यक्त करने की कोशिश करते हैं। वे लोगों के चेहरे पढ़ते हैं और फिर चुपचाप उस पर लिखते हैं। । इनके अनुसार '' कुछ भी असंभव नहीं है यदि आप दृढ़ हैं तो आप अपने सपनों को प्राप्त करने में सक्षम होंगे ''। नितेश कुमार सिंवाल बुद्धिमान छात्र हैं। जिस प्रकार वे अध्ययन  कर रहे हैं उससे लगता है कि वे एक दिन अपना सपना पा लेंगे , ये हमारे देश की नई प्रतिभाओं में से एक है |

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