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Pyari maa / प्यारी माँ

Author Name: Hitesh Ranjan Dey | Format: Paperback | Genre : Poetry | Other Details

साहित्य धरा अकादमी :
एक परिचय -

साहित्य धरा अकादमी लेखकों एवं पाठकों का एक लोकप्रिय साहित्यिक संस्थान है। हमारे लिए हर्ष का विषय है कि इस संस्थान से देश-विदेश के चर्चित युवा लेखकों और नामवर साहित्यकारों के साथ-साथ लाखों-लाख पाठक भी लगातार जुड़ रहे हैं। यह संस्थान इसके संस्थापक तथा संचालक श्री हितेश रंजन दे द्वारा १२ जुलाई २०२१ को निःस्वार्थ रूप से हिंदी भाषा को संरक्षित करने एवं समृद्धि प्रदान करने के लिए स्थापित किया गया पूर्णत: अव्यवसायिक साहित्यिक संगठन है, जो मूलतः हिंदी की सभी विधाओं के लेखकों की उत्कृष्ट रचनाओं को संरक्षित करने का कार्य करते है। साथ ही प्रतिनिधि रचनाओं को एकत्रित कर नि:शुल्क रूप से पुस्तक में स्थान भी देता है। यह संस्था लेखकों को लेखकीय प्रति, प्रशस्ति-पत्र एवं रॉयल्टी भी देती है।
इन सभी कार्यों के अलावा अकादमी द्वारा समय-समय पर भारत भर के लेखकों की रचनाएं आमंत्रित कर कई कविता-संकलन, लघुकथा-संकलन का प्रकाशन भी किया जाता रहा है। उन लेखकों से, जो अभी तक हमारी संस्था से नहीं जुड़ पाए हैं, अगर वो जुड़ना चाहते हैं तो हमारे पते, दूरभाष या ईमेल के जरिए संपर्क कर अधिक जानकारी ले सकते है। हमें आपको ख़ुद से जोड़कर प्रसन्नता होगी।


शुभकामनाओं सहित,
संस्थापक सह संचालक

हितेश रंजन दे 

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हितेश रंजन दे

साहित्य धरा अकादमी :
एक परिचय -

साहित्य धरा अकादमी लेखकों एवं पाठकों का एक लोकप्रिय साहित्यिक संस्थान है। हमारे लिए हर्ष का विषय है कि इस संस्थान से देश-विदेश के चर्चित युवा लेखकों और नामवर साहित्यकारों के साथ-साथ लाखों-लाख पाठक भी लगातार जुड़ रहे हैं। यह संस्थान इसके संस्थापक तथा संचालक श्री हितेश रंजन दे द्वारा १२ जुलाई २०२१ को निःस्वार्थ रूप से हिंदी भाषा को संरक्षित करने एवं समृद्धि प्रदान करने के लिए स्थापित किया गया पूर्णत: अव्यवसायिक साहित्यिक संगठन है, जो मूलतः हिंदी की सभी विधाओं के लेखकों की उत्कृष्ट रचनाओं को संरक्षित करने का कार्य करते है। साथ ही प्रतिनिधि रचनाओं को एकत्रित कर नि:शुल्क रूप से पुस्तक में स्थान भी देता है। यह संस्था लेखकों को लेखकीय प्रति, प्रशस्ति-पत्र एवं रॉयल्टी भी देती है।
इन सभी कार्यों के अलावा अकादमी द्वारा समय-समय पर भारत भर के लेखकों की रचनाएं आमंत्रित कर कई कविता-संकलन, लघुकथा-संकलन का प्रकाशन भी किया जाता रहा है। उन लेखकों से, जो अभी तक हमारी संस्था से नहीं जुड़ पाए हैं, अगर वो जुड़ना चाहते हैं तो हमारे पते, दूरभाष या ईमेल के जरिए संपर्क कर अधिक जानकारी ले सकते है। हमें आपको ख़ुद से जोड़कर प्रसन्नता होगी।


शुभकामनाओं सहित,
संस्थापक सह संचालक

हितेश रंजन दे 

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