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Rahguzar / रहगुज़र बे-सम्त सी राहें

Author Name: Dr. Gauri Chawla | Format: Paperback | Genre : Young Adult Fiction | Other Details

“रहगुज़र... बेसम्त सी राहें” चंद लेखकों की रचनाओं का संग्रह है, “ रहगुज़र” मात्र शीर्षक नहीं है अपितु सभी क़लमकारों का सफ़र है I कहते हैं उम्दा सुख़न किसी तआरुफ़ का मोहताज़ नहीं होता। वो फिज़ा में ख़ुशबू की तरह बिखर जाता है। उसको पढ़ा नहीं जाता, महसूस किया जाता है। कुछ ऐसे ही कलमकारों को एक साथ पिरो लाने की कोशिश है 'रहगुज़र'। एक गुलदस्ता है जिसमें हर रंग के गुलों को संजोया गया है। यह किताब, बेसम्त सी राहों के चंद मुसाफ़िरों को साथ लाने का एक प्रयास है, उम्मीद है पढ़नेवालों को सुख़न के अलग-अलग आयामों से रूबरू करवाएगा। पढ़िए और लुत्फ़ उठाईए ।

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डॉ. गौरी चावला

अगर मेरे मर्ज़ का इलाज होता

तो लिखने का न आगाज़ होता ।।

नमस्कार ! मेरा नाम डॉ गौरी चावला है I गुरुओं की नगरी अमृतसर में रहती हूँ I संस्कृत साहित्य में मैंने डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की है I गत 17 वर्षों  से संस्कृत में सहायक प्रोफेसर के रूप में कार्यरत हूँ I  साहित्य से प्रेम है.. दर्शन, जीवन, भावनाएँ, संस्मरण और समसामयिक परिप्रेक्ष्य पर पढ़ना पसंद करती हूँ। 25 से ऊपर राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर शोध पत्र प्रकाशित हो चुके हैं I पढ़ते-पढ़ते  कब लेखन ज़िंदगी का हिस्सा बन गया नहीं जानती I बतौर लेखिका पहली कविता “अब पछताय होत क्या” “रिवाज मुकुर” पत्रिका में  और मेरी पहली पुस्तक "एहसास दिलों के  : कुछ अनकही बातें" YourQuote से प्रकाशित हो चुकी है I ज़िंदगी के अनुभवों, दिलों के एहसास और छुए-अनछुए पहलुओं को लिखना मुझे प्रिय है।" आशा करती हूँ की मेरा यह संकलन आप लोगों को पसंद आएगा I  अगर कोई त्रुटि रह जाए तो उसके लिए पहले ही क्षमाप्रार्थी हूँ I धन्यवाद!

ज़िंदगी के रंगमंच पर पर्दा गिरा तो होगी रुख़सती की तैयारी

अपने किरदार की अहमियत फिर समझेगी दुनिया सारी....!!

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