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Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Palराष्ट्रीय ग्रन्थ रामायण एहा।
राम भक्त सब करहिं सनेहा।।
रामायण शत कोटि अपारा।।
रामायण अनेकों हैं परन्तु मुझे यह रामायण लिखने की आवश्यकता ही क्यों पड़ी ?
क्योंकि रामायण में क्या हुआ यह जानना है तो कोई भी रामायण पढ़ी जा सकती है परन्तु रामायण में ऐसा ही क्यों हुआ तो मेरी "श्री रामचरित्रम्" रामायण का राष्ट्रवादी स्वरुप को पढ़िए। वनवास श्री राम को हुआ,पर क्यों हुआ? जो भी उत्तर मिले सब पर "क्यों" लगाते जाएं तो आगे उत्तर ही निरुत्तर हो जाएगा, लेकिन "श्री रामचरित्रम्" में आपको सभी "क्यों" का उत्तर मिल जाएगा।
यह ग्रन्थ व्यक्ति, समाज और राष्ट्र को महान बनाते हुए छुआछूत एवं आडम्बर तथा पाखंड को समाप्त कर हिंदुत्व एवं देशभक्ति को जगाने और बढ़ाने वाली
विश्व की प्रथम कृति है सभी प्रसंगो की व्याख्या प्रामाणित और पूर्ण वैज्ञानिक है जो प्रसंगों को आध्यात्मिक रूप देकर ही इति श्री मान लेते हैं, मैंने सभी प्रसंगो की ऐतिहासिक सत्यता को उजागर करते हुए देशभक्ति के सभी रहस्य को उजागर किया है।
आशा है विद्वान लोग भी रामायण के सभी प्रसंगो को देशभक्ति और हिंदुत्व की दृष्टि से देखें, सोचें और प्रचारित करें ताकि हमारी नई पीढ़ी में भी देशभक्ति और हिंदुत्व की भावना जागृत हो सके।
।। जय श्री राम ।।
योगिराज योगेंद्र पराशर
इस पुस्तक के लेखक योगिराज योगेंद्र पराशर जो राष्ट्र संत श्यामजी पराशर के सुपुत्र हैं। जिन्होंने 30 साल तक भारत के लगमग हर हिस्से में जाकर हिन्दू धर्म की राष्ट्रवादी एवं तार्किक व्याख्या को जन मानस तक पहुंचाया, जिससे आज का युवा अपने हिन्दू धर्म एवं अपने देश पर गर्व कर सके एवं उनमे प्रचूर माता में देशभक्ति भर जाए।
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