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Rooh Se Qalam Tak / रूह से क़लम तक

Author Name: Ms. Shayara | Format: Hardcover | Genre : Poetry | Other Details

"रूह से क़लम तक" एक सफर है दिल के उन एहसासों का, जो अल्फ़ाज़ की शक्ल में क़लम से बयां होते हैं। यह किताब सिर्फ शायरी का संग्रह नहीं, बल्कि दिल की गहराइयों में छुपी अनकही बातों और अहसासों का आईना है। शायरी को हमेशा से दिल और रूह का जुड़ाव माना गया है, और इसी जुड़ाव को इस किताब में जगह दी गई है। इसमें आपको मोहब्बत के नाज़ुक लम्हे, दर्द की कसक, उम्मीदों की लौ, और ज़िंदगी के उतार-चढ़ाव के रंग मिलेंगे। 
हर शेर और ग़ज़ल एक नए रंग, एक नए जज़्बात को बयां करता है। उर्दू के नफ़ीस लफ्ज़ों में लिपटी ये शायरी पाठक को एक ऐसी दुनिया में ले जाती है, जहाँ हर एक एहसास अपना लगता है। यह किताब उन लोगों के लिए है, जो शायरी के ज़रिए अपनी भावनाओं को महसूस करना चाहते हैं और दूसरों के दिलों तक पहुँचाना चाहते हैं। उम्मीद है कि "रूह से क़लम तक" की यह नाज़ुक दुनिया आपको उतनी ही महसूस होगी, जितनी दिल से इसे बयां किया गया है।

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मिस. शायरा

इनका क़लम नाम ‘मिस शायरा’ हैं। इनकी जन्मभूमि एवं कर्मभूमि ‘राजस्थान’ है। यह M.Sc. (Biotechnology) तक शिक्षित हैं एवं वर्तमान में Ph.D. Biotechnology विषय में शोधार्थी है। यह राजस्थान के एक बहु-प्रतिष्ठित अस्पताल में बतौर ‘साइंटिफिक आफिसर’ कार्यरत हैं। इन्हें अपने ख्यालों को लफ़्ज़ों में पिरोने से बहुत लगाव है।
अपनी कल्पनाओं को शायरी, ग़ज़ल, नज़्म के रूप में काग़ज़, क़लम के द्वारा साकार करना इन्हें विशेष प्रिय हैं। इनकी कुछ ग़ज़लें कुछ साझा काव्य-संकलन मे प्रकाशित है।
इनका मानना है कि "अपनी रूह की आवाज़ को ख़ुद के अन्दर ना रखकर उन्हें लिखकर ही सही, मगर ज़ाहिर करना चाहिए। कुछ अधूरे अल्फ़ाज़ों, अधूरे ख़्यालों को महज़ काग़ज़ पर लिख देने से कोरे काग़ज़ का कोरापन और ज़िंदगी का खालीपन खत्म होने लगता है”।

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