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Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Palमेरी इस किताब का नाम "सफर मेरे जज्बातों का" है I
इस किताब में मेरे द्वारा लिखी हुई छोटी-छोटी कविताएं और शायरी है I
ये कविताएं और शायरी जिंदगी के कई पहलू जैसे जिंदगी के अनुभव, संघर्ष ,प्यार, खुद को खोना और फिर खुद को वापस ढूंढने के सफर और उस सफर में साथ चलते कई जज्बातों पर है I इसीलिए इस किताब का नाम है "सफर मेरे जज्बातों का"
सौरवी सिंह
जय श्री गणेशाय नमः
(जो टूट कर भी घायल कर दे मैं वो तीर हूं, मैं भीड़ में से नहीं, मैं खुद एक भीड़ हूं )
मैं यह नहीं कहूंगी कि मेरा रुझान बचपन से ही लिखने की ओर था लेकिन हां बचपन से ही मेरे मन में विचार बहुत आते थे I कभी-कभी इंसान की जिंदगी में कुछ ऐसी परिस्थितियां आती है जब वो बहुत अकेला पड़ जाता है,
किसी से भी अपने मन की बात कह नहीं पाता I
या फिर डरता है कि शायद कोई उसे सुने ही ना, या फिर कोई उसे समझे ही ना
बस, जब मैं अपनी बातें किसी से कह नहीं पाती थी तो उसे कागज पर लिख दिया करती थी I और वही से मेरे लिखने का सफर शुरू हुआ I
फिर मेरी कुछ कविताएं ' नया लेखक 'नामक ब्लॉग 'अमर उजाला' और इंग्लिश की एक किताब 'febles of hearts' मैं छापी गई जिससे मुझे लिखने की प्रेरणा मिलती रहीI
मैं पेशे से एक लॉयर हूं और अपने भगवान, परिवार और दोस्तों की शुक्रगुजार हूं कि मैंने जिंदगी में अपने लिए जो भी फैसले लिए उन्होंने हमेशा मेरा साथ दिया I
खासकर मेरे माता और पिता कीI
मैं वही लिखती हूं जो मैं महसूस करती हूंI
मैं कोई उत्तम लेखिका या कवित्री नहीं हूं मैंने तो बस अपने अनुभवों को कागज पर उतार कर आपके सामने पेश किया है I आशा है ,आप इससे खुद को जोड़ पाएं और मुझसे अगर लिखने में कुछ खामियां रह गई हो तो उसके लिए मुझे माफ कर पाए ।
धन्यवाद
सौरवी सिंह
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