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Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Palसंसार की जड़ तत्व - माँ
“माँ” एक ऐसा शब्द, जिसमें संपूर्ण ब्रह्मांड का कण कण समाहित है, जिनसे हमारा संबंध जन्म से भी पहले से जुड़ा होता है, वो अटूट रिश्ता जो हमारे हृदयतल से जुड़ा हुआ है, और हमारे जीवन का आधार है।
माँ जो परिवार का स्तंभ है, सृष्टि की सृजनकर्ता जो एक बूँद को स्वयं के भीतर पोषित करके जीवंत करती है और संसार के संचालन में सर्वागीण भूमिका निभाती है।
माँ की ममता और वात्सल्य से कोई भी अछूता नहीं, स्वयं श्री हरि भी माता का ममत्व सुख पाने के लिए धरा पर पुनः पुनः अवतरित हुए हैं। माँ अपनी कोख में मानव देह का निर्माण करती है और उसे अपने छाती के दूध से पोषित करती है आजीवन अपने शिशु के हित में क्रियाशील रहती है शिशु की पहली शिक्षक, जो अच्छे - बुरे का फर्क बतलाकर जीवन में आगे बढ़ने की प्रेरणा प्रदान करती है। माँ जिसका कर्ज संसार में ईश्वर भी नहीं चुका पाए, उन्हीं की महानता का बखान करने का निम्न प्रयास है ये संकलन, जिसमें लेखकों ने अपने माँ के प्रति सम्मान और प्रेम को पन्नों पर उकेरा है, आशा है हमारा प्रयास सफल रहेगा।।
शैली जैन, निखिल जैन
शैली जैन एक छोटे से गाँव बरोदिया, कलां सागर (मध्यप्रदेश) की रहने वाली महत्वाकांक्षी, सादगी से पूर्ण तथा सरल व्यक्तित्त्व रखती हैं। ये अभी तक १००+ संकलनों में सह लेखिका रह चुकी हैं।एवं "लफ्जों का खेल", राखी प्रेम का धागा, फेक स्माइल, मूडी फूडी, और ब्लैक रोज, जैसी किताबें इन्होनें स्वयं संकलित की है। "दिल्ली टू आगरा" इनकी प्रथम सोलो किताब है। एक साल पहले ही इन्होनें अपनी लेखन कला को बढ़ावा दिया इन्हें कहानी व कविताएं लिखना बहुत पसंद है। इनकी कविताएं अक्सर इनकी भावनाओं को व्यक्त करती हैं।
निखिल जैन, एक लेखक हैं, जो की धुले, महाराष्ट्र से संबंध रखते है। इन्हे अपना ज्ञान दूसरो के साथ साझा करना, यात्रा करना, नई नई खोज करना और रचनात्मकता का बेहद शौक रखते है। इन्हें लिखना पसंद है, और इनका मानना है, कि लेखन से हम अपनी आंतरिक भावनाओं का भली भांति बखान कर सकते है। ये 50 से अधिक पुस्तकों के संकलनकर्ता रह चुके है और इनके स्वयं के दो ऑनलाइन प्रकाशन "Unité Publication" और love.vibes143 भी है। इनसे जुड़ने के लिए आप संपर्क कर सकते हैं - इंस्टाग्राम : @love.vibes143 , ईमेल -love.vibes143@outlook.com
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