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"It was a wonderful experience interacting with you and appreciate the way you have planned and executed the whole publication process within the agreed timelines.”
Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Palज़िन्दगी भर समेटते ही रहे
फिर भी पूरा सामान बिखरा है
झोंपड़ी ने सहेज कर रखा
महलों में ख़ानदान बिखरा है
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ये मोहब्बत की तेज-रौ कश्ती
जिस्म की हद से गुज़र जाएगी
बाँध तोड़ेगा इश्क़ का दरिया
रूह सैलाब में तर जाएगी
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डाल से मैंने कहा चेहरा दिखाए अपना
मुझसे कहने लगी अब तो मैं कटारी में हूँ
ख़्वाब कहता है मुझे ‘फूल ‘ बुलाओ कह कर
मैं तो इस नींद की बगिया में हूँ , क्यारी में हूँ
शुभ चिंतन
लेखक (born 1968) IRS (1993) अधिकारी हैं I लेखक ने इंजीनियरिंग की शिक्षा अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय और IIT दिल्ली से प्राप्त की। लेखक को उत्कृष्ट लोक सेवाओं के लिये गणतंत्र दिवस, 2014 के अवसर पर भारत के राष्ट्रपति द्वारा और कस्टम्स में उनकी विशिष्ट सेवाओं के लिये World Customs Organization (WCO) द्वारा प्रशस्ति पत्र से सम्मानित किया जा चुका है।
लेखक की हिन्दी ग़ज़लों और गीतों का यह ग्यारहवाँ संग्रह है।
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