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sparsh rikt hai। / स्पर्श रिक्त है।

Author Name: Vinay Rajendra Dolase | Format: Paperback | Genre : Poetry | Other Details

बहती हवाओं की दिशा में चलतामैं सुंदर लगता था सबों को


अब काँटा हूँ उनकी आँखों का


हवाओं के विपरीत बहने का आरोप लगा है
मुझपर!
 
उनके शब्दकोश में
काँटों का अर्थ बाग़ी हो जाना है, तो
मैं हूँ बाग़ी! 


गुलाब बचा रहे 
इसके लिए काँटों को बाग़ी हो जाना चाहिए। 

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