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Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Palस्पेशल वार्ड गम्भीर रोगियों के जीवन में आशा की एक किरण की तरह था। जिनके जीवित रहने की उम्मीद समाप्त प्राय हो चुकी थी, जो मृत्यु के इंतज़ार में अस्पताल में भर्ती थे -उन्ही में से वनिता भी एक थी। उम्मीद और आत्मविश्वास से दुनिया में हर विपरीत परिस्थित से लड़कर जीत हासिल की जा सकती है -इसे उसने संभव कर दिखाया।
अपनी पीड़ा व दुख दर्द के बीच भी जीवन जीने की अदम्य इच्छा शक्ति व दायित्व बोध वनिता के मन में बना रहा। मृत्यु के मुंह से अपने साहस व विश्वास के भरोसे स्वस्थ होने वाली रोगी की मार्मिक कहानी है- स्पेशल वार्ड।
इसी संग्रह की कथा- हे राम, सत्य के पक्ष में निर्भीकता से खड़े रह सकने वाले मिस्टर अ की कहानी है। सत्य के पक्ष में निर्भीकता पूर्वक खड़े होना महात्मा गांधी जी के सत्य के प्रयोग का मूल मंत्र भी था।
मिस्टर अ की यह राह आसान न थी, उनके इस निर्णय ने उन्हे जीवन के बहुत से अनुभवों से परिचित करवाया,इसी की पड़ताल करती है यह कहानी। ये कहानियाँ जीवन के अनुभूति की उत्कृष्ट रूपक हैं।
नरेंद्र प्रताप सिंह
सुलतानपुर (उत्तर प्रदेश) के सुदूर गाँव उघरपुर भटपुरा में 2 फरवरी 1955 को जन्म। आरंभिक शिक्षा बापू नगर व चुन्नी लाल इंटर कॉलेज छिट्टेपट्टी सुल्तानपुर में, इलाहाबाद विश्वविद्यालय से शिक्षा, के उपरांत सरोजनी नायडू मेडिकल कॉलेज आगरा से मेडिकल की पढ़ाई।
हिन्दी की विभिन्न पत्रिकाओं-हंस, कथादेश, वागर्थ, नया ज्ञानोदय, कादंबिनी, सारिका, उत्तर प्रदेश, लमही आदि में कहानियाँ प्रकाशित।
एक खंड काव्य -विदा वेला, कथा संग्रह -सलीब पर देव व उपन्यास -ताल कटोरी प्रकाशित। राज्य कर्मचारी साहित्य संस्थान- उत्तर प्रदेश द्वारा वर्ष 2018 में बाण भट्ट पुरस्कार।
नरेंद्र प्रताप सिंह ने अपनी कहानियों में जीवन के विभिन्न रंगों को उतारा है ।जीवन की दुरूहता और संघर्षों के बीच मनुष्य बने रहने की आकांक्षा उनके पात्रों में बहुलता से मिलती है। आम जन की शैली में कथा का विस्तार व उनके दुख दर्द के वे अद्भुत चितेरे हैं।
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