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Vivek SreedharAuthor of Ketchup & Curryयह किताब अनुज सुब्रत की बेहतरीन कविताओं का संग्रह है , जिसमे सुब्रत की कविताओ में एक अलग ही दुनिया का ज़िक्र, एक अलग ही नयापन और हिंदी और उर्दू का एक अनुठा-सा ज़ायक़ा मिलता है। सुब्रत की यह कवितायें आमतौर पर दर्द और इश्क़ से ताळुख रखती है, इन कविताओ में हर उस कोने का ज़िक्र मिलता है जहाँ तक प्रेम का प्रकाश है और उस अंधेरे का भी ज़िक्र मिलता है जहाँ प्रेम का प्रकाश नही सिर्फ दर्द है और साथ ही एक अकेलेपन की भी बात मिलती है। जिसका एक उदाहरण है। सब कुछ छूटा हुआ है बचपन हिज़्र-सा हुआ है। हर कोई जा रहा है इस जहां को छोड़ के लगता है अंबर में कोई मसीहा हुआ है। ममता में ग़ैर माँओ के पैर क्या छुए मैंने उनको लगा उनका बेटा मौत-सा हुआ है। चाहत थी खिलौनों की, बचपन में हमे अब जवानी में उनसे बैर कैसा हुआ है।
अनुज सुब्रत
नाम :- अनुज सुब्रत जन्म स्थान :- मोतीपुर, बिहार जन्म तिथि :-14 फरवरी 2002 उम्र :-17 वर्ष
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