You cannot edit this Postr after publishing. Are you sure you want to Publish?
Experience reading like never before
Sign in to continue reading.
"It was a wonderful experience interacting with you and appreciate the way you have planned and executed the whole publication process within the agreed timelines.”
Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Palसमय द्वार उन सभी से बोलता है ठीक है शायद मेरा निर्माण होने का सौभाग्य आज मुझे प्राप्त होगा तथा भगवान श्री कृष्ण की पावन नगरी में प्रवेश कर पाएंगे इतना कहकर समय द्वार के पट खुल जाते हैं और उसमें से एक बहुत ही सुंदर ऊर्जावान तेजस्वी एक 16 साल का युवा निकलता है और वह कहता है मैं समय द्वार हूं आप मेरे साथ इस द्वारका नगरी में चलिए सभी उस युवा को देखकर मोहित हो जाते हैं तथा डॉ स्मिता उसको ऐसे निहारती है जैसे कि वह सिर्फ उसके लिए ही आया हो,
तभी समय द्वार बोलता है आप सभी बिलंम ना करें अन्यथा यह द्वारका नगरी में प्रवेश करना दुर्लभ हो सकता है सभी यह बात सुनकर हां मैं अपनी गर्दन हिलाते हैं तथा एक दूसरे का हाथ पकड़ कर समुद्र में प्रवेश करते हैं तभी द्वारका नगरी की रक्षा करता हुआ सुदर्शन चक्र प्रकट हो जाता है और वह रौद्र रूप दिखाता है यह देख कर सभी डर जाते हैं फिर सभी भगवान श्री कृष्ण की स्तुति का गायन करते हैं जिससे सुदर्शन चक्र का रौद्र रूप शांत हो जाता है तथा सभी सुदर्शन चक्र से विनती करते हैं कि हमें आपकी सहायता की आवश्यकता है तब सुदर्शन चक्र कहता है मुझे सिर्फ मेरे प्रभु ने इस द्वारका नगरी की रक्षा का दायित्व सौंपा है इसलिए उनकी आज्ञा के बिना मैं कहीं भी नहीं जा सकता इतना कहकर सुदर्शन चक्र अदृश्य हो जाता है यह देखकर सभी निराश हो जाते हैं तथा द्वारका नगरी के प्रवेश द्वार से भगवान श्री कृष्ण की पवित्र द्वारका नगरी में प्रवेश करते हैं और उस स्थान पर जाते हैं जहां पर भगवान श्री कृष्ण ध्यान मुद्रा में बैठे रहते थे, फिर उस स्थान को सभी नमन करते हैं और भगवान श्री कृष्ण से प्रार्थना करते हैं हे
भारत सिंह भोई
यह अवेंजर्स के द्वारा समय यात्रा पर लिखी गई है जिसमें किस तरह से पृथ्वी का निर्माण किया गया है तथा उसकी रक्षा कवच का निर्माण
किया गया हैतथा अंधकार को मिटाने के लिए सूर्य का निर्माणकरने में सह्ता की है
The items in your Cart will be deleted, click ok to proceed.