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Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Palमैंने अपने शोध के लिए रामायण और महाभारत को चुना क्योंकि वे भारत के सबसे सम्मानित और सत्यापित ग्रंथ हैं। इन ग्रंथों के तीर्थ स्थल कैसे हैं? उनकी वर्तमान स्थिति एवं उपयोगिता क्या है? इन्हीं विचारों को ध्यान में रखकर यह पुस्तक लिखी गई है।
वैसे, प्राचीन काल से लेकर वर्तमान तक के कई तीर्थ स्थल समय, आधुनिक घटनाओं, या विदेशी आक्रमणों के कारण नष्ट, विलुप्त या अर्ध-विलुप्त हो गए हैं (इस प्रकार के तीर्थ दूसरे अध्याय में शामिल हैं)। अत: ऐसे तीर्थ स्थलों का प्रचार-प्रसार करना भी मेरा एक लक्ष्य रहा है ताकि आम लोग भारतीय संस्कृति के संरक्षण के प्रति जागरूक हों और उन तीर्थ स्थलों की पहचान करें जो हमारी सनातन भारतीय संस्कृति के प्रतिनिधि हैं, गौरव हैं और भारत को गौरव प्रदान करते हैं, विश्व पटल पर महत्वपूर्ण स्थान और विश्व गुरु के रूप में विशिष्ट पहचान दिलाते हैं। ऐसे तीर्थों के बारे में जानकर हर क्षेत्र को उनकी कालातीत अद्वितीयता का संरक्षण, सम्मान और स्वीकार करना चाहिए।
समय और विदेशी अंतर्राष्ट्रीयकरण, आधुनिकीकरण और शहरीकरण के कारण, कई भारतीय विदेशों में बस गए और अपनी कुलदेवी, आराध्य देव पितृ-देव को भूल गए, जिससे आज कई मानसिक समस्याएं हो रही हैं। यह पुस्तक भारत की वैश्विक संप्रभुता से परिचित कराते हुए उन्हें मानसिक शांति प्रदान करेगी एवं उनकी आध्यात्मिक उन्नति में सहायक सिद्ध होगी।
डॉ. नीतू शर्मा
डॉ. नीतू शर्मा पी. एच. डी. (१० वर्षों का अध्ययन-अध्यापन अनुभव)
एम. ए. बी. एड. संस्कृत (सिल्वर मेडल)
एम. ए. भूगोल (गोल्ड मेडल)
मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय, उदयपुर (राजस्थान)
भारत
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