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Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Pal“उसूल-ए-मोहब्बत” एक ऐसी किताब है जो मोहब्बत के नगमों से भरी हुई है।
मोहब्बत के परवानों की भावनाओं और अनुभवों, उनके ऊपर हुए सामाजिक उत्पीड़नों, दर्द,तड़प,आरजू एक आशिक कीव्यथा का एक सजल चित्रण अपनी कलम के माध्यम से प्रस्तुत किया गया है ।
इस पुस्तक के संकलन में मुख्य भूमिका मेरी स्वयं की एवं सह संकलक के रूप में तेजकरण सिन्हा की रही है।
परियोजना प्रमुख श्री विजय सिंह जी के मार्गदर्शन से ही यह किताब सम्पन्न हो पाया है ।
इस किताब के लेखन में 33 उम्दा लेखको ने अपनी कलम का परिचय दिया है और अपनी भावनाओं को उसूल-ए-मोहब्बत पर व्यक्त किया है ।
नाज़नीन कुरैशी & तेजकरण सिन्हा
इनका नाम नाज़नीन कुरैशी है। इनके पिता श्री मो.फरीद व माता श्रीमती राबिया बेगम हैं। इनका जन्म छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिले के छुरिया नगर पंचायत में हुआ है। ये मध्यम वर्गीय परिवार से हैं। इनकी प्राथमिक शिक्षा छुरिया में हुई तथा सुविधा के अभाव के कारण उच्च शिक्षा के लिए इन्हें राजनांदगांव जाना पड़ा। वहाँ इन्होंने शासकीय दिग्विजय स्नातकोत्तर स्वशासी महाविद्यालय,राजनांदगांव से एम.एस.सी. जूलॉजी व बी.एड. तक की शिक्षा प्राप्त की।
लेखन व शेरो-शायरी में इनकी रुचि बहुत पहले से रही है।मगर अपनी कल्पनाशक्ति को कविता रूप देने का मौका कुछ समय बाद मिला।पहली बार इन्होंने अपनी डी.एड.शिक्षा के दौरान एक किताब "अभिज्ञान" में "माँ" पर कविता लिखी थी,जो केवल महाविद्यालय स्तर तक थी।प्लेसमेंट के अभाव में कुछ सालों तक ये अपनी कलम की गति को कोई आयाम नहीं दे पाईं। कुछ समय पश्चात् इन्होंने yourquotes.in से लिखना शुरू किया और आज 80 से अधिक कलमकारी इनके पास मौजूद है। इनके एम.एस.सी. सहपाठी भैय्या तेजकरण सिन्हा के सकारात्मक मार्गदर्शन से लगभग 20 से अधिक किताबों के काव्य संग्रह में एक सहलेखक के रूप में इनकी कविताएं प्रकाशित हो चुकी हैं। इनकी कविताएं अधिकतर श्रृंगार रस व उर्दू के शब्दों से ओत-प्रोत होती हैं।
इनका नाम तेजकरण सिन्हा है , पिता श्री चेतन लाल , माता श्रीमती डारन बाई। इनका जन्म स्थान और शिक्षण छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिले के छोटे से गांव टेलीटोला में ही प्राथमिक शिक्षा हुई। उच्च शिक्षा, पास के ही लाल चक्रधर शाह महाविद्यालय अंबागढ़ चौकी से जीव विज्ञान विषय से स्नातक है। पढ़ाई में रुचि थी पर जिम्मेदारियों ने इनका रास्ता रोक दिया और ये अपनी कर्मभूमि यानी की भारत अलुमिनियम कम्पनी, कोरबा, छत्तीसगढ़ की ओर अग्रसर हो गये, अभी वर्तमान में बालको नगर में इनका निवास है। इस युवा कलमकार की ने अपने जीवन मे कभी सोचा नहीं था कलमकारी करेंगे । समय ने ही इनके जीवन मे इस प्रतिभा का विकास किया। इन्होंने yourquotes.in से लिखना शुरू किया और आज 60 से अधिक किताबों के लिए सह लेखक के रूप में बेहद ही खूबसूरत मुद्दों पर कविताएं लिख चुके हैं और ये किताबें छप चुकी हैं। कलम की धार पर शब्दों को पिरोकर एक माला रूपी रचना के निर्माण के पश्चात मन मे जो असीम आनन्द की अनुभूति होती है इसी अनुभूति हेतु ये अपनी कलम चलाते हैं।
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