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Vaijayantika / वैजयंतिका

Author Name: Meenakshi Jain | Format: Paperback | Genre : Poetry | Other Details

काव्य एक अथाह सागर के समान है किसकी गहराई का अंदाजा आज भी कोई नहीं लगा पाया। मीनाक्षी जैन द्वारा रचित यह काव्य रचना उनका प्रथम प्रयास है जिसकी भाषा सरल  तथा जनमानस से जुड़ी है। काव्य संग्रह की सभी  कविताएं विभिन्न प्रजातियों से गूँथे पुष्पहार की भांति हैं जिसका निर्माण उनकी संवेदनशीलता से हुआ है । काव्य संग्रह मे कवयित्री ने अपनी कलम से  मानवीय संवेदना तथा स्मृतियों  का ऐसा सूक्ष्म चित्रण करने का प्रयास किया है कि पाठक को यह स्वानुभूत सत्य प्रतीत होगा ।

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मीनाक्षी जैन

मीनाक्षी जैन अलीगढ़ की रहने वाली हैं और दो बच्चे और पति के साथ परिवार में रहती हैं, जहां वे यात्रा, पढ़ने और साथ में खाने का एक साझा प्यार साझा करते हैं। अपने खाली समय में, मीनाक्षी सामाजिक-सेवाओं में शामिल होना पसंद करती है और लगातार अपने क्षेत्र के लोगों को प्रोत्साहित करने के लिए एक या दूसरे कार्यक्रम का हिस्सा होती है। वह 70 के दशक से संगीत, प्राचीन पुस्तकों और कविता की लिपियों के बारे मे पढ़तीं है। मीनाक्षी की किताब आपके शानदार दिमाग में अपनी एक एक जगह बनाएगी - जिसमें साधारण चीजों के बारे में कविताएँ हैं जो हमें अक्सर याद आती हैं।

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