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vedna / वेदना

Author Name: anika arya | Format: Paperback | Genre : Poetry | Other Details
वेदना, स्त्री की वेदना है। मैंने व्यथा के इस व्यवस्थित समूह में से कुछ विषयों को चुना है। बेटी के जन्म को लेकर आज भी अधिकतर लोग उतनी प्रसन्नता व्यक्त नहीं कर पाते जितनी खुशी पुत्र के जन्म पर होती है। मैं ऐसा नहीं कहूँगी कि हर क्षेत्र में महिला की स्थिति दयनीय है, कई स्थानों पर इन्हें अवसर मिला है। लेकिन कहीं-न-कहीं इसकी स्थिति के लिए केवल पुरुष जिम्मेवार नहीं है, बहुत सी महिलएं हैं जो इन महिलाओं के दुख का कारण है। जैसा कि मैंने कहा कि कुछ विषयों को चुना है,उन विषयों में कही कुछ सकारात्मक भी देखने-सुनने को मिलता है। लेकिन एक विषय में मैं बताना चाहूँगी जहां कि स्थिति अत्यंत भयावह है। वो है दहेज की कुप्रथा। समय के साथ इसने और बिभस्त स्वरूप धारण कर लिया है, हमारे देश में किसी अंधविश्वास की बात हो या फिर जात-पात दहेज तो हम उसे गरीबी और अशिक्षा की चादर ओढ़कर उसे ढ़क देते हैं।
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अनिका आर्या

अनिका आर्या का जन्म बिहार के मुंगेर जिले में हुआ। प्रारम्भिक शिक्षा मध्य विद्यालय लड़ुई में हुआ। जो कि इसके गाँव से कुछ ही दूरी पर स्थित थी। समाज में व्याप्त दहेज प्रथा एवं नारी-उत्पीड़न जैसी समस्याए तो सभी जगह व्याप्त है,परंतु इनका ज्यादा असर ग्रामीण क्षेत्रों में देखा जाता है। जहां लोग बेटियों को जन्म से लेकर शादी हो जाने तक अपना बोझ समझते रहते हैं। समाज में व्याप इसी कुप्रथाओं ने इन्हे इन विषयों पर लिखने के लिए प्रेरित किया। जो कि लाखों नारियों जो कि समाज में व्यपात कुप्रथाओं का शिकार है का दुख-दर्द इस पुस्तक में वेदना बनकर उतरा हुआ प्रतीत होता है।
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