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Vigyani Sant / विज्ञानी संत

Author Name: Dr. Harish Malhotra | Format: Hardcover | Genre : Educational & Professional | Other Details

सूचना:- चित्र लेखक का नहीं, इसके प्रकाशक मनोज मलिक का है।

इस पुस्तक में डॉ. हरीश मल्होत्रा (बर्मिंघम, इंग्लैंड) ने विश्व के प्रसिद्ध वैज्ञानिकों के जीवन पर प्रकाश डाला है। लेखक का मानना है कि हमें आलसी, ढोंगी और निकम्मे बाबाओं की सेवा करना छोड़ देना चाहिए। ये आम आदमी को ठगने के अलावा कुछ नहीं करते हैं। इसकी बजाय हमने उन वैज्ञानिकों को संत का दर्जा देना चाहिए, जिनकी खोजों से आज सारा संसार लाभान्वित हो रहा है। आज की बेहतर दुनिया न्यूटन, फेराडे, आइंस्टीन, लुई पाश्चर, मेरी क्यूरी, चंद्रशेखर वेंकट रमन जैसे वैज्ञानिकों की मेहनत का परिणाम है। 

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डॉ. हरीश मल्होत्रा

डॉ. हरीश मल्होत्रा का जन्म 7 जुलाई 1951 को ललियाँ कलाँ जिला जालंधर, पंजाब, भारत में हुआ। आपने डीएवी कालेज, जालंधर से  बी. एससी. (1972) की डिग्री प्राप्त की। फिर आप इंग्लैंड गए। वहाँ आपने वेरविक यूनिवर्सिटी से 1991 में एम. ए. की। फिर बर्मिंघम विश्वविद्यालय, यूके से 1997 में आपने पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। इसके अलावा अनेक डिप्लोमा भी आपके नाम हैं। 

लेखक अपने जीवन में पूरी तरह तर्कशील सोच रखते हैं और समाज में व्याप्त अंधविश्वास के खात्मे के लिए करीत संकल्प हैं। 

डॉ. हरीश की पंजाबी और इंग्लिश में अनेक पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं, जिनमें प्रमुख हैं:-पंजाबी पुस्तकें : जाली दुनिया (1987) यह गुरु नानक विश्वविद्यालय, अमृतसर में एम. ए. के कोर्स में पढ़ाई जाती है। वखरी नस्ल (1991); मसले प्रवास दे (1994); नैतिकता अते तर्कशीलता (1996)बरतानवी ते भारती समाज (2000); झमेला रब दा (2011); खुशी (2019) 

अंग्रेजी पुस्तकें : रेसिजम इन ब्रिटेन (1997); रेसिजम इन एजुकेशन (2000); ड्रीमलैंड (2002) 

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