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Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Pal"वालिदा” एक ऐसा साँझा संकलन है, जिसमें वालिदा यानी माँ की ममता, किरदार, और अनगिनत बलिदानों की याद में लिखी गई कवितायों शामिल है और जिसमें वालिदा के बारे में बताया गया है कि आखिर वालिदा की क्या एहमियत होती है ज़िन्दगी में। माँ के बिना हम इस दुनिया से कभी भी रूबरू नही हो सकते थे। अगर वालिदा ना होती तो हमें कभी इंसानी ज़िन्दगी, दुनिया के तौर-तरीके और रीति रिवाज़ों के बारे में कभी पता ही नही चलता। वालिदा की वजह से ही हम ये सब एहसास कर पाए है। इस किताब में वालिदा के बारे ही कवि/कवयित्रियों ने कलम के जरिये से अपने शब्दों को लिखकर बताया है। वालिदा के अनगिनत एहसान और बलिदानों को इस अंक में प्रकाशित करके एक किताब का रूप दिया गया है। जो शख्स भी अपनी वालिदा से मोहब्बत करता है उन्हें ये किताब और इसमें शामिल कविताएं बहुत ज्यादा पसंद आएंगी।।
कवि : वीर शायर 'मेरठी'
नाम :- वीर शायर "मेरठी"
जन्मदिन :- 15/07/1998
शिक्षा :- बी.ए
संप्रति :- सीईओ ( पोएट्री स्टेज/पोएट्री स्टेज पब्लिकेशन हाउस )
संपर्क क्र. :- 8384852615
ई-मेल :- poetrystage786@gmail.com
पता :- अम्बेडकर चौक के पास, फतेहउल्लापुर, मेरठ ( उत्तरप्रदेश )
प्रकाशित रचनाएँ :- "ज़िन्दगी", "इश्क़", बेवफा", खुदगर्ज़", महबूब की आमद", मुहब्बत की अदालत", "ना-क़ाबिल", "इंतिशार ए नूर", "मैं अकेला हूँ", "इक चेहरा", "रूहानी मोहब्बत", "अपनी मोहब्बत की ख़ातिर", "गम ए मोहब्बत","किस्सा","महफ़िल"
काव्य संकलन:- "अधूरे अल्फ़ाज़", "इक चेहरा" ( संपादक ), "नया दौर", "अनुभव सच सिखाता है", "महफ़िल", "मौन-मुखर कविताएँ"
( साझा - संकलन )
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