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Who was Sheeba? According to the Holy Quran and Bible / शीबा कौन थी? पवित्र क़ुरआन व बाइबिल की दृष्टि में

Author Name: Abdul Waheed | Format: Paperback | Genre : Literature & Fiction | Other Details

शीबा की रानी कौन थी ? यह आज तक एक अनसुलझा रहस्य बना है । मात्र थोड़ी सी झलक पवित्र क़ुरआन व पुरानी बाइबल में उसका वर्णन मिलता है कि वह एक अरब भूभाग में यमन नाम के देश में रहती थी, जहां की वह एक संपन्न रानी थी। वह एक मूर्ति पूजा धर्म से संबंध रखती थी, जब उसने इजरायल के राजा सुलेमान के बारे में सुना तो उनकी भव्यता देखने के लिए इसराइल जाने का विचार अपने मन में लायी। वहां जाकर उसने ऐसा देखा जिसकी उम्मीद उसको नहीं थी क्योंकि उसने अपना सिंहासन इसराइल के राजा सोलोमन के दरबार में देखा तो चकित रह गई और मान गई कि उसको विशेष ज्ञान है। हैरत तो तब होती है जब किसी इंसान का इतिहास उसके बाद नहीं मिलता इसी प्रकार से शीबा की रानी के बारे में भी है कि सोलोमन से विवाह करने के पश्चात उसका वर्णन न ही पवित्र कुरान व पुरानी बाइबिल में मिलता है। यह इतिहास के जानकार और लिखने वाले के लिए भी आश्चर्य जनक है कुछ लोग तो यहां तक की कहा है कि वह एक चुड़ैल थी लेकिन सच्चाई क्या है? आपके सामने है इसका आप आकलन करें।

यह एक सत्य घटना है इसमें कोई शक नहीं क्योंकि इसके खंडहर तथा आरक्योलॉजिकल सुबूत भी मिले हैं।

इसी विषय पर यह छोटी सी पुस्तक आपके सामने प्रस्तुत है कृपया इसे पढ़ें और ज्ञान में बढ़ोतरी करें यदि कोई कमी नजर आए तो तत्काल अवगत करायें और अगर आपको कोई अधिक ज्ञान है तो कृपया बताएं मैं आपके ज्ञान का सम्मान करता हूं और उसे ऐड करने का प्रयास करूंगा।

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अब्दुल वहीद

मेरा नाम अब्दुल वहीद है मेरे पिता का नाम स्वर्गीय हाजी उबैदुर्रहमान है व माता का नाम जैबुन्निसा है । मैंने बचपन से ही वैज्ञानिक विचारधारा को पसंद किया है और शांत स्वभाव व पुस्तकों से लगाव रहा है । जिससे मेरी रोज जिज्ञासा रुचि निरंतर नए - नए खोजो को जानकारी में प्रयुक्त रहा है । मैं BSc करते समय पालीटेक्निक में सेलेक्शन हो गया था , लेकिन दुर्भाग्यवश अधूरा रह गया था क्योंकि पिता और भाई का सर्वगवास हो गया था । 

मेरे पिता जी की दो बातें जो , मेरे जीवन के लिए अत्यंत अनमोल है 

प्रथम - इमानदारी से कमाओ झूठ का सहारा मत लो , 

दूसरा अन्न की इज्जत करो और जितना खाना हो उतना ही लो । इसलिए घर की जिम्मेदारी , फिर बाद में विवाह हो जाने के कारण शिक्षा अधूरी रह गई । फिर भी हिम्मत नहीं हारा और आज आपके सामने मेरे विचारों के रूप में पुस्तक उपलब्ध है । यदि कोई जानकारी अधूरी रह गई हो तो कृपया जरूर अवगत कराये । 

धन्यवाद

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