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Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Palकभी कभी इन्सान की ज़िन्दगी में ऐसा वक्त आता है जब उसके सामने दो विकल्प होते हैं और उनमें से उसे केवल एक ही विकल्प चुनना होता है और चुना हुआ वह विकल्प उसकी आने वाली ज़िन्दगी में मील का पत्थर साबित होता है। ऐसे वक्त में इन्सान एक अजीब उधेड़बुन में फंस जाता है, तब उसकी ज़िन्दगी की कशमकश शुरू होती है। उसी कशमकश से जूझते इन्सान के अहसास से जो लफ़्ज़ निकलते हैं उन्हीं ख़ास अल्फाज़ो का यह संकलन है। उम्मीद करता हूं की पाठकों को ये गज़लें और कविताएं ज़रूर पसंद आएंगी।
रविन्द्र राघव
रविन्द्र राघव बहुमुखी प्रतिभा के धनी हैं और पेशे से बायोमेडिकल अभियांत्रिकी एवं आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन में विशेषज्ञता रखतें हैं। अभी वे भारत के जाने-माने उच्चतम संस्थान में कार्यरत है। रविन्द्र राघव पिछले दो दशकों से ज्यादा समय से ज्योतिष शास्त्र का भी अभ्यास कर रहे हैं। साथ ही वे हिन्दी शायरी एवं कविताओं में गहरी रूचि रखते हैं। इन्हें शायरी और कविताएं पढ़ने और लिखने का शौक कॉलेज के दिनों से ही था जिन्हें वे कॉलेज में अपने दोस्तों को सुनाया करते थे।
इनकी शायरी एवं कविताएं राष्ट्रीय हिन्दी दैनिक समाचार पत्र में भी प्रकाशित होती रही हैं जिन्हें उनके प्रशंसकों द्वारा बहुत पसंद किया जाता है।
इनकी पहली किताब "तुम्हारी हमारी ज़िन्दगी" जो शायरी और खुबसूरत कविताओं का संग्रह है जो साल 2020 में प्रकाशित हुई, जिसे पाठकों ने बहुत पसंद किया।
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