यह तो सभी जानते हैं कि बाबा साहब डॉ॰ भीमराव अंबेडकर ने महाराष्ट्र के हिन्दू धर्म की महार जाति में जन्म लिया था उस समय उसे अछूत के रूप में ही देखा जाता था। एक वीर लड़ाका शासक महार समुदाय को कैसे और कब अछूत बना दिया गया, यह एक शोध का विषय है। किन्तु यह सत्य है कि जन्म लेते ही बाबा साहब अंबेडकर को जातिगत विषमता और नफरत के घूंट पीने पड़े।
वह सवर्ण बच्चों के साथ खेल नहीं सकते थे। उनके पड़ने के लिए की गईं कोशिशों पर भी अनेक बाधाएँ उत्पन्न की गईं। अनेक बार उन्हें जातिगत सामाजिक उत्पीड़न का शिकार होना पड़ा। किन्तु भीम अपमान के घूंट पीकर भी अपने उच्च शिक्षा को पाने के लक्ष्य प्राप्त करने पर अडिग रहे और अपने संघर्षों के बल पर वह भारत ही नहीं तत्कालीन विश्व के सर्वाधिक उच्च शिक्षित व्यक्ति बन गये।