राजीव रंजन मिश्र (राजीव रंजन), कोल इंडिया लिमिटेड की सहयोगी कंपनी, वेस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (वेकोलि), नागपुर के सीएमडी रहे हैं। इस पद से उनकी सेवानिवृति दिसम्बर, 2020 में हुई।
उसके बाद श्री मिश्र गुरुग्राम आकर बस गए। वे अगले एक वर्ष तक कोयला मंत्रालय, भारत सरकार के वरीय सलाहकार रहे। संप्रति वे वर्ल्ड बैंक के वरीय ऊर्जा सलाहकार के रूप में फरवरी, 2022 से कार्यरत हैं।
वेकोलि के सीएमडी के रूप में अपने छह वर्ष के कार्यकाल के दौरान उन्होंने एक बीमार कंपनी को शिखर पर ले जाने का अद्भुत कार्य किया। मानव संसाधन के विशेषज्ञ और एक कुशल रणनीतिकार, श्री मिश्र ने अपने कार्यकाल के दौरान कोयला उद्योग के कर्मियों को मानव पूंजी की तरह सहेज कर रखा, उनके साथ-साथ चल कर उद्योग में रिश्तों की एक नयी परिभाषा लिखी। उन्होंने वेकोलि में मानव पूंजी प्रबंधन की सकारात्मक विचारधारा को लागू कर वेकोलि को पहले ‘टीम वेकोलि’ और फिर ‘वेकोलि परिवार’ में परिवर्तित कर दिया।
श्री मिश्र को कई राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है। श्री मिश्र एक अच्छे वक्ता और एक अच्छे लेखक भी हैं। श्री मिश्र ने वेकोलि की अपनी यात्रा पर 2021 की शुरुआत में अपनी पहली किताब ‘असंभव संभव’ लिखी, जो अत्यंत लोकप्रिय हुई। उसे अमेज़न के बेस्टसेलर में स्थान मिला। कोयला उद्योग के कर्मियों पर लिखी ‘आसमां में सुराख’, उनकी अगली कृति हुई, जो अगस्त, 2021 में प्रकाशित हुई। इस किताब को भी अमेज़न का बेस्टसेलर होने का गौरव प्राप्त है। कोयला उद्योग विषय पर तीन किताबों की आखिरी कड़ी के रूप में श्री मिश्र ने ‘अंधेरा उजाला’ लिखी, जिसका प्रकाशन अप्रैल, 2022 में हुआ। कोयला कर्मवीरों और कोयला उद्योग के इतिहास पर आधारित यह किताब भी अमेज़न की बेस्टसेलर बनी।
कोयला उद्योग शृंखला के बाद श्री मिश्र ने अपनी रुचि उपन्यास लेखन में दिखाई। वर्ष 2023 के अंत में प्रकाशित ‘कमली’ उनका पहला उपन्यास था, जो एक सच्ची कहानी से प्रेरित था। इस उपन्यास में एक लड़की की अनेक उतार-चढ़ाव वाली जीवन यात्रा की कहानी थी। इस उपन्यास को श्री मिश्र ने हमारे देश की बेटियों को समर्पित किया। यह उपन्यास भी अमेज़न पर बेस्टसेलर बना।
पहले उपन्यास की सफलता के बाद श्री मिश्र ने अनाथालय और वृद्धाश्रम की एक और सच्ची घटना से प्रेरित होकर ‘मन के रिश्ते’ उपन्यास लिखा है। यह उपन्यास एक अनाथालय से जुड़े बच्चों और एक वृद्धाश्रम से जुड़े बुजुर्गों के बीच मन के रिश्ते की कहानी है।