इस पुस्तक की रचना राम कथा, और भागवत पुराण की कथा, को पद्य वद्ध करते हुए यथार्थ ज्ञान बच्चों तक पहुँचने के उद्येश्य से किया गया है। राम या कृष्ण के अनेकों चरित्र रामायण या भागवत पुराण में वर्णित हैं, जिसे कविता रूप में पढ़ कर बच्चे सरलता से इन चरित्रों को समझ सकें गे साथ ही ईश्वर की वास्तविकता को भी हृदयासात कर पाएंगे, तब जीवन जीने का नजरिया बदल जाएगा--- “अनल जैसे हों काष्ठ में प्रभु तेरे हृदय में’’। यह एक अखंड धार्मि कता की भावना है जो बच्चों में नींव रूप में पाठ्यक्रम के माध्यम से डालना चाहिए। रचनाकार भी (Real devinity) विश्व व्यापक धर्म में ही विश्वा स रखती हैं। परंतु जिन्हें जो धर्म संस्कार जन्म रूप में मि ला हो उसका सम्मान करते हुए सबको एक समझना चाहिए। जैसे सबों के अलग अलग माता पि ता होने पर भी सभी संतान और अभि भावक का एक समान ही उत्तरदायित्व होता है, उसी प्रकार हम सब अलग अलग प्रभु की माया को स्वीकारते हुए भी एक ही अमर्त्य की ओर प्रेरित होते हैं।
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